वाराणसी। भैरव अष्टमी पर्व पर कालभैरव मंदिर में वृहद श्रृंगार व पूजन अर्चन का आयोजन किया गया। इस दौरान बाबा को 51 किलो केक का भोग लगाया गया। बाबा को जन्मोत्सव पर भक्तो ने मदिरा का भी भोग लगाया।
इस अवसर पर मंदिर परिसर को अत्यंत आकर्षक तरीके से सजाया गया था। सजावट ऐसी कि जिसने देखा, वह देखता ही रह गया। मंदिर गर्भगृह में बाबा की झलक आज देखते ही बन रही थी। फूल मालाओं व रुद्राक्ष का ऐसा श्रृंगार यदा कदा ही देखने को मिलता है।
भैरव अष्टमी के अवसर पर लाखों भक्तों ने बाबा कालभैरव के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर परिसर में बाबा के जयकारे लगते रहे।
बाबा के दर्शन के बाद भक्तों ने प्रसाद के रूप में केक का वितरण किया गया। जिसे पाकर भक्त निहाल हुए। काशी में कहा जाता है कि बाबा कालभैरव इस शहर के कोतवाल हैं और उनकी ही मर्जी से सारे कार्य होते हैं। बिना उनके दर्शन के काशी विश्वनाथ का भी दर्शन अधूरा माना जाता है।
मंदिर के महंत पं० सुमित उपाध्याय ने बताया कि भैरव अष्टमी के अवसर पर 1051 किलो का केककाटकर बाबा का जन्मोत्सव मनाया गया। आज के दिन बाबा का दर्शन करने से भक्तों के समस्त कष्ट का नाश होता है व सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सुबह में बाबा को पंचामृत स्नान कराने के बाद दूध, मलइयो, पूड़ी सब्जी समेत 56 प्रकार के भोग लगाये गये।