दलित उत्पीड़न के मामले में छात्र नेता को मिली अंतरिम जमानत

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वाराणसी। दलित छात्र को कार्यालय में घुसकर मारने-पीटने के मामले में आरोपित छात्र को राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) राकेश पाण्डेय की अदालत ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र नेता धनंजय राय को 25-25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही नियमित जमानत के लिए 18 दिसंबर की तिथि नियत कर दी। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह व उनके सहयोगी अमनदीप सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार तत्कालीन अध्यक्ष पद प्रत्याशी अनूप कुमार सोनकर ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वह 29 अगस्त 2016 को अपने चुनाव कार्यालय में अपने कुछ साथियों के साथ बैठा था। उसी दौरान उसके कार्यालय पर संदीप सिंह, मोहित सिंह, धनन्जय राय, हर्षित सिंह, गौरव श्रीवास्तव, और कुछ अज्ञात लोगो ने पथराव करते हुए जातिसूचक गालियां देने लगे। विरोध करने पर मारपीट करने लगे। शोर सुनकर जब लोग जुटने लगे तो सभी हमलावर असलहा लहराते हुए स्कार्पियो से निकल भागे। साथ ही जाते समय फिर से जाति के नाम पर भद्दी-भद्दी गालियाँ देते हुए जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के बाद सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया था। जिसके बाद आरोपित ने अदालत में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी।

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Shiv murti
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