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जय भवानी हर हर महादेव की जयघोष से गूंज उठी काशी।

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शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित जाणता राजा महानाट्य का भव्य शुभारंभ।

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जाणता राजा महानाट्य से होगा भारतीय संस्कृति का उद्घोष : महामहिम राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य जी।

शिवाजी महाराज के हिंदवी साम्राज्य के संकल्प की रोशनी समूचे संसार में फैलेगी : महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति जी महाराज।

बीएचयू ,वाराणसी।

जन-जन के मन को शिवाजी का चरित्र वैसा ही छूएगा जैसा श्रीराम चरित्र मानस पढ़ने के बाद भगवान राम कण-कण में विद्यमान दिखाई देते हैं। वर्तमान समय में भारत में उस उत्साह के लहर की सुनामी आ चुकी है, जहां हिंदू समाज भगवान राम और शिवाजी के हिंदवी साम्राज्य से प्रेरणा लेकर गर्व से कह रहा है हम हिंदू हैं। हम राम के अनुयायी हैं और हम भारत के पुजारी हैं। 350 वर्षों बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का प्रत्यक्ष सरकार जाणता राजा महानाट्य के माध्यम से हो रहा है। राष्ट्र गौरव शिवाजी महाराज की चरित्र की छटां चहुंओर विराजमान हो रही है। जाणता राजा महानाट्य उद्घाटन सत्र में प्रज्वलित दीप से समूचा विश्व प्रकाशमान होगा। उक्त बातें सिद्ध पीठ हथियामठ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज ने वाराणसी में मंगलवार को जाणता राजा महानाट्य के भव्य शुभारंभ के अवसर पर कही।

छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन पर आधारित महानाट्य का मंगलवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एमपी थियेटर खेल मैदान में भव्य शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिद्धपीठ हथिया मठ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज, विशिष्ट अतिथि भारत सरकार केंद्रीय कैबिनेट मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय, सिक्किम राज्यपाल महामहिम लक्ष्मण आचार्य जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत प्रचारक रमेश जी की उपस्थिति में हुआ।

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सिक्किम प्रदेश के राज्यपाल महामहिम लक्ष्मण आचार्य जी ने उद्घाटन सत्र के अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह महानाट्य भारतीय संस्कृति की उद्घोष करने वाला है। हिंदवी साम्राज्य की स्थापना के 350 वर्ष पूर्ण और स्वतंत्रता के अमृतकाल के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य देश को एक राष्ट्र बनाने की सोच को साकार करने में सहायक होगा। काशी के पुरोहितों ने ही शिवाजी महाराज को तिलक लगाकर जाणता राजा यानी बुद्धिमान राजा से सुशोभित किया था।

भगवती स्वरूप मां तुलजा भवानी की भव्य आरती के दौरान जय भवानी हर हर महादेव के जय घोष से समूची काशी गूंज उठी। मां तुलजा भवानी की आरती उपरांत छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य जाणता राजा की जीवन प्रस्तुति ने दर्शकों के मान पर अमिट छाप छोड़ी।

सेवा भारती काशी प्रांत के तत्वाधान में जाणता राजा महानाट्य का आयोजन 21 नवंबर से 25 नवंबर तक किया जाएगा। जिसमें लगभग 60000 लोग महानाट्य का मंचन देखेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार मंगलाचरण के बीच दीप प्रज्वलन के बाद किया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर धाम मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा और वेंकटरमन त्रिपाठी ने मंगलाचरण गया।

जाणता राजा काशी प्रांत आयोजन समिति के अध्यक्ष अभय सिंह ने महामहिम राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य जी को पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। साथ ही काशी प्रांत सेवा भारती प्रांत अध्यक्ष राहुल सिंह ने महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जीउत राम विश्वकर्मा ने कैबिनेट मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। अनिल किंणजेवार ने काशी प्रान्त के प्रांत प्रचारक रमेश जी को स्मृति चिन्ह अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया।हजारों कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा, टिकट से लेकर अन्य व्यवस्था का कुशलता पूर्वक नियंत्रण किया।इस महानाट्यमन्चन के सफलतापूर्वक प्रदर्शन में प्रान्त कार्यवाह मुरली पाल, राकेश तिवारी सतीश जैन,हरिनारायण विसेन,डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र,हरेन्द्र राय,राघव मिश्र,डॉ मनीष त्रिपाठी, सुरेन्द्र सिंह,सौरभ राय, पवन मिश्र ,पूर्णेन्दु त्रिपाठी, जनमेजय सिंह,गुलाब श्रीवास्तव, सत्यम मिश्र, भास्करादित्य त्रिपाठी, सत्य नारायण, आदि प्रमुख थे। कार्यक्रम का संचालन संतोष यादव ने किया।

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