भगवान राम के आराध्य शिव की नगरी काशी से अयोध्या का नाता और भी गहरा हो जाएगा। 22 जनवरी को नव्य, भव्य और दिव्य राममंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जिम्मेदारी काशी के ही सभी 21 वैदिक ब्राह्मणों के हाथ में रहेगी। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने मुताबिक काशी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मृगशिरा नक्षत्र में मूर्ति स्थापित कराएंगे।
भूतो न भविष्यति की तर्ज पर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जाएगा। 18 जनवरी से प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की शुरुआत हो जाएगाी। विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की विधि का आरंभ गणेश, अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन से होगा। काशी के वैदिक पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों की टोली 17 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होगी। मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे और उनके पुत्र जयकृष्ण दीक्षित और सुनील दीक्षित पूजन कराएंगे। 17 जनवरी को ही रामलला की प्रतिमा अयोध्या में नगर भ्रमण पर निकलेगी।