सोमवार 20 नवम्बर 2023 को प्रात:काल में उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देकर छठ व्रती इस कठिन व्रत का पारण किया
संतान के उज्जवल भविष्य की कामना से किया जाने वाला छठ व्रत अपने आप में एक पौराणिक धरोहर है, जिसे प्रतिवर्ष बड़े ही धूमधाम, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। छठ व्रत की परंपरा का उल्लेख त्रेता युग में माता सीता और महाभारत काल में अंगदेश के राजा कर्ण और पांडवों की पत्नी द्रोपदी से भी है। कहा जाता है कि, इन महान पुरूषों ने भी छठ व्रत किया था और इस पवित्र व्रत के प्रभाव से इनकी सभी लोगों की मनोकामना पूर्ण हुई।