

चंदौली, वाराणसी और गाजीपुर जिलों को जोड़ने के लिए ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क बनने की योजना तैयार की गई है, जिससे इन जिलों के बीच यात्रा की सुविधाएं बेहतर हो जाएंगी। यह सड़क न केवल चंदौली से जमानिया का आना-जाना सुगम बनाएगी, बल्कि पूर्वांचल के कई जिलों, बिहार और अन्य राज्यों के साथ यातायात को भी आसान बनाएगी।

यह परियोजना 41.54 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करेगी, जिसके लिए कुल 3,104 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें से 1,684 करोड़ रुपये सड़क के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे, जबकि शेष धनराशि किसानों की ज़मीन खरीदने में उपयोग की जाएगी। इस फोरलेन सड़क की चौड़ाई अधिक होगी, जो आने वाले समय में ट्रैफिक की समस्या को कम करने में मदद करेगी।
सैयदराजा होते हुए जमानिया जाने वाली पुरानी सड़क की चौड़ाई केवल सात मीटर है और ट्रैफिक की अत्यधिक भीड़ के कारण यहां अक्सर जाम की स्थिति रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस नई ग्रीनफील्ड हाईवे परियोजना को स्वीकृति दी है। इस परियोजना को प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल से मंजूरी मिल चुकी है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया:
इस परियोजना के लिए लगभग 260 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी, जिसमें 152.22 हेक्टेयर भूमि चंदौली जिले और 109.42 हेक्टेयर भूमि गाजीपुर जिले से खरीदी जाएगी। इससे 30 से अधिक गांवों के किसान प्रभावित होंगे। इन गांवों में एवती, जिगना, सिसौड़ा कला, बघरी, रामरूपदासपुर, हरीपुर, वीरभारपुर, बबुरा खास, डिग्धी, अमड़ा, औरइया, औरइयापट्टी, बरडीहा, इमिलिया, कैथी, बेलगहना, भुवालपुर, मरूई, सिकठा, सबलजलालपुर, जेवरीपट्टी, रेवसा, छतेम, बगही कुंभापुर, रैपुरी, बरहनी आदि गांव शामिल हैं।
इन गांवों के किसानों को अपनी भूमि का मुआवजा प्राप्त होगा, और यह भूमि सड़क निर्माण के लिए उपयोग की जाएगी। इसके बाद यह मार्ग गाजीपुर से चंदौली जाने वाले वाहनों के लिए एक नया विकल्प होगा, जिससे वाहनों को बनारस की तरफ नहीं आना पड़ेगा। इसके बजाय, वे सीधे चंदौली होकर बिहार की तरफ जा सकेंगे।
प्रभाव और लाभ:
यह ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क पूर्वांचल के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। यह परियोजना न केवल सड़क की गुणवत्ता में सुधार करेगी, बल्कि ट्रैफिक जाम और लंबी दूरी की यात्रा से जुड़ी समस्याओं को भी हल करेगी। गाजीपुर से चंदौली जाने के लिए अब वाहनों को बनारस से होकर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और ईंधन की बचत होगी।
साथ ही, इस परियोजना से क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी वृद्धि होगी, क्योंकि सड़क मार्ग का बेहतर होना व्यापार और परिवहन को बढ़ावा देगा। यह सड़क बिहार और अन्य राज्यों के साथ संपर्क को भी मजबूत करेगी, जिससे इन क्षेत्रों में कारोबार और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
यह परियोजना क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण अवसर लाएगी, लेकिन इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले किसानों को उचित मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि उनके जीवन में कोई बड़ी कठिनाई न आए।