महिलाएं अक्सर गायनेकोलॉजिस्ट के पास तब जाती हैं जब कोई गंभीर समस्या उन्हें घेर लेती है। लेकिन सही तरीका यह है कि महिलाएं हर साल नियमित रूप से अपना स्वास्थ्य जांच करवाएं। खासकर 40 की उम्र के बाद, क्योंकि यह वह समय होता है जब शरीर में कई बड़े बदलाव होने लगते हैं। पुणे के मदरहुड हॉस्पिटल की ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मानसी शर्मा के अनुसार, 40 की उम्र के बाद महिलाओं को पांच मुख्य टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
40 की उम्र के बाद इन पांच टेस्ट का रखें ख्याल
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पैप स्मीयर टेस्ट
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में एक आम समस्या है। इसे रोकने के लिए सेक्शुअल रिलेशन शुरू करने के तीन साल बाद से हर साल पैप स्मीयर टेस्ट कराना जरूरी है।
ब्रेस्ट कैंसर के लिए मैमोग्राफी
उम्र बढ़ने के साथ ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए हर साल मैमोग्राफी करवाएं। साथ ही घर पर नियमित रूप से ब्रेस्ट सेल्फ-एग्ज़ामिनेशन भी करें।
ओवरी और फाइब्रॉएड की जांच
गर्भाशय, अंडाशय और वजाइना से संबंधित समस्याएं जैसे सिस्ट और फाइब्रॉएड की संभावना बढ़ जाती है। समय रहते इनकी जांच कराएं।
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल चेकअप
40 के बाद महिलाओं को डायबिटीज़ और हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का नियमित चेकअप करवाएं।
हड्डियों की मजबूती के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट कराना चाहिए।
मेनोपॉज के दौरान शरीर में होने वाले बदलाव
मेनोपॉज की प्रक्रिया शुरू होते ही महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होने लगते हैं। इनमें हॉट फ्लैश, मूड स्विंग, वजाइनल ड्राइनेस, नींद की समस्या, त्वचा पर झुर्रियां, और डिप्रेशन शामिल हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हर साल गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें और सही उपचार कराएं।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) की जरूरत
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।
एचआरटी के फायदे:
यह न केवल सेक्सुअल हेल्थ को सुधारता है, बल्कि हड्डियों की मजबूती बनाए रखने और समय से पहले झुर्रियां रोकने में मदद करता है।
डॉक्टर की सलाह अनिवार्य:
परिवार में कैंसर या हृदय रोग का इतिहास होने पर डॉक्टर की सलाह के बिना HRT नहीं लेनी चाहिए।
पेल्विक फ्लोर की मसल्स और ब्लैडर लीकेज की समस्या
मेनोपॉज के दौरान पेल्विक फ्लोर की मसल्स कमजोर हो जाती हैं। इससे महिलाओं को ब्लैडर लीकेज यानी यूरिन लीक होने की समस्या होने लगती है।
कीगल एक्सरसाइज करें:
डॉक्टर अक्सर कीगल और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।
समय पर उपचार जरूरी:
अगर समस्या बढ़ रही है, तो गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
वजाइनल ड्राइनेस और यूरिन इंफेक्शन से बचाव
मेनोपॉज के कारण वजाइनल ड्राइनेस बढ़ने लगती है, जिससे यूरिन इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर की सलाह लें:
गायनेकोलॉजिस्ट से मिलकर संक्रमण से बचाव के उपाय करें।
लुब्रिकेंट का उपयोग:
फिजिकल रिलेशन के दौरान लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें ताकि दर्द और असहजता को कम किया जा सके।
लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत
40 की उम्र के बाद महिलाओं को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर खास ध्यान देना चाहिए।
हेल्दी डाइट:
हरी सब्जियां, फल, नट्स और डेयरी उत्पादों को शामिल करें।
एक्सरसाइज:
नियमित रूप से योग और वॉक करें।
तनाव से बचाव:
तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन करें और अपनी हॉबीज़ को समय दें।
40 की उम्र के बाद सतर्कता है जरूरी
40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई बड़े बदलाव होते हैं। इनसे बचने के लिए नियमित रूप से गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें और जरूरी टेस्ट करवाएं। सही डाइट और लाइफस्टाइल अपनाकर आप न केवल स्वस्थ रह सकती हैं बल्कि अपनी उम्र से भी छोटी दिख सकती हैं।
इस लेख में दी गई जानकारी आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और हर साल अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाएं।