क्या होता है सीजफायर (संघर्ष विराम): शांति की दिशा में एक कदम

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सीजफायर या संघर्ष विराम एक ऐसा समझौता होता है जिसमें युद्ध या सशस्त्र संघर्ष में शामिल पक्ष तय करते हैं कि वे किसी विशेष क्षेत्र में, एक निश्चित अवधि तक, सैन्य गतिविधियाँ रोक देंगे। यह समझौता अस्थायी भी हो सकता है और कभी-कभी स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम भी साबित होता है। भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के संदर्भ में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जहाँ सीमाओं पर तनाव अक्सर बना रहता है।

संघर्ष विराम की घोषणा दो तरीकों से की जा सकती है – यह या तो एकतरफा हो सकता है, जब कोई एक पक्ष सैन्य गतिविधियाँ रोकने का निर्णय लेता है, या फिर आपसी बातचीत और सहमति से दोनों पक्षों द्वारा लागू किया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य है निर्दोष नागरिकों की जान-माल की रक्षा करना और तनाव को कम करना।

सीजफायर की अवधि कुछ घंटों से लेकर कई वर्षों तक की हो सकती है। उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते ने सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल करने में मदद की थी। हालाँकि, इसका उल्लंघन समय-समय पर होता रहा है। फिर भी, जब दोनों पक्षों के बीच आपसी भरोसा बढ़ता है और संवाद कायम होता है, तो यह संघर्ष विराम स्थायी शांति की ओर ले जा सकता है।

इस प्रकार, सीजफायर केवल एक अस्थायी रोक नहीं, बल्कि शांति स्थापना की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास भी होता है। यह दर्शाता है कि संवाद और सहमति से सबसे कठिन हालात में भी समाधान निकाला जा सकता है।

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