

भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित भजन “स्वागतं कृष्णः” भक्ति और प्रेम का ऐसा संगम है जो हर भक्त के हृदय को आनंदित कर देता है। यह भजन जब गाया जाता है तो लगता है जैसे स्वयं भगवान हमारे द्वार पधार रहे हों। मैं, पंडित सत्य प्रकाश, आज आपके लिए इस दिव्य भजन की लिरिक्स, पाठ विधि और इसके अद्भुत लाभों को लेकर आया हूँ।

Swagatham Krishna Lyrics
स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा।
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा।
अभी आता ही होगा सलोना मेरा,
हम राह उसी की तका करते हैं।
कविता-सविता नहीं जानते हैं,
मन में जो आया सो बका करते हैं।
पड़ते उनके पद पंकज में,
चलते-चलते जो थका करते हैं।
उनका रस रूप पिया करते हैं,
उनकी छवि-छाक छका करते हैं।
अपने प्रभु को हम ढूंढ लियो,
जैसे लाल अमोलख लाखों में।
प्रभु के अंग में जितनी नरमी,
उतनी नर्मी नहीं माखन में।
स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा।
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा।
“स्वागतं कृष्ण:” भजन न केवल एक गीत है, बल्कि यह भगवान श्रीकृष्ण के स्वागत की एक भव्य अनुभूति है। जो भी इसे श्रद्धा से गाता है, उसके जीवन में प्रेम, शांति और समृद्धि का प्रवेश होता है। यदि आपको यह भजन भावपूर्ण लगा हो तो आप हमारे अन्य श्रीकृष्ण भजनों जैसे ‘अच्युतम केशवम’, ‘गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो’, ‘मधुराष्टकम्’, और ‘यशोमती मैया से बोले नंदलाला’ को भी अवश्य पढ़ें और श्रीकृष्ण भक्ति में लीन हों। जय श्रीकृष्ण! 🌿
पाठ विधि
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ कर दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- श्रीकृष्ण जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
- तुलसी दल चढ़ाकर भजन का आरंभ करें।
- मन को शांत रखें और पूरे श्रद्धा भाव से गाएं या पढ़ें।
- अंत में आरती करें और प्रसाद अर्पित करें।
लाभ
- मन को अत्यंत शांति और आनंद की अनुभूति होती है।
- श्रीकृष्ण की कृपा से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- यह भजन नियमित गाने से मन की चंचलता कम होती है।
- कार्यों में सफलता और प्रेम संबंधों में मिठास आती है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।