लखनऊ, 22 अगस्त 2024: उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद के सभाकक्ष में, महानिदेशक डॉ. संजय सिंह की अध्यक्षता में वर्ष 2024-25 की चौदहवीं क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में प्रदेश के कृषकों को आगामी दो सप्ताह (23 अगस्त से 05 सितम्बर, 2024) के मौसम पूर्वानुमान के आधार पर कृषि प्रबंधन के लिए परामर्श दिए गए।
मौसम पूर्वानुमान और कृषि परामर्श के अनुसार प्रथम सप्ताह (23 से 29 अगस्त, 2024) में भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिणी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना है। जबकि प्रदेश के अन्य भागों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। भाभर, तराई, और पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश हो सकती है, जबकि अन्य कृषि जलवायु अंचलों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है।
द्वितीय सप्ताह (30 अगस्त से 05 सितम्बर, 2024) के इस सप्ताह में विन्ध्य, पूर्वी मैदानी क्षेत्र और उससे संलग्न अन्य क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा की संभावना है, जबकि अन्य कृषि जलवायु अंचलों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
कृषकों के लिए विशेष कृषि परामर्श दिए गए जिसमें बताया कि धान वर्तमान मौसम धान में शीथ ब्लाइट के अनुकूल है। प्रकोप की स्थिति में हेक्साकोनाजोल 5.0 ई.सी. की 1.0 लीटर मात्रा को 500-750 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। मक्का फॉल आर्मी वर्म के प्रकोप की स्थिति में क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5% एस.सी., स्पिनोसैड, या थायामेथाक्साम का 0.4-0.5 मिली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। अरहर पूर्वी उत्तर प्रदेश में बुवाई में विलम्ब होने पर सितम्बर के प्रथम पखवारे में अरहर की ‘बहार’ एवं ‘पी.डी.ए.-11’ की बुवाई की जा सकती है।
तोरिया संस्तुत प्रजातियों के बीज की अग्रिम व्यवस्था करें और सितम्बर के प्रथम पखवारे में बुआई करें। मूंगफली सफेद गिडार के प्रबंधन के लिए खड़ी फसल में क्लोरपाईरीफास 20 ई.सी. का 4 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें। टिक्का रोग (पत्र दाग) की स्थिति में मैकोजेब, कार्बेन्डाजिम, या जिनेब का छिड़काव करें। गन्ना तीसरी बधाई करें और गन्ना समिति में नई सदस्यता ऑनलाइन ग्रहण करें।
सब्जियां पातगोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च और टमाटर की नर्सरी में बुआई करें और तैयार पौध की रोपाई करें। आम और आंवला आम में शाखा गांठ कीट और टेंट कैटरपिलर की रोकथाम के लिए डाईमेथिओएट या क्यूनालफास का छिड़काव करें। आंवले में फलसड़न रोग से बचाव हेतु कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और बोरेक्स का उपयोग करें। नींबू कैंकर रोग से बचाव हेतु कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या स्ट्रेप्टोसाइक्लिन का छिड़काव करें।
पशुपालन खुरपका एवं मुंहपका बीमारी और ब्रूसीलोसिस के टीकाकरण को 30 अगस्त तक सुनिश्चित कराएं। पशुओं को हरा चारा धोकर खिलाएं। मत्स्य पालन मत्स्य बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करें और तालाब की मिट्टी की अम्लीयता की निगरानी करें। रेशम पालन शहतूती और एरी मानसून फसल की तैयारियां करें और कीटपालन भवन का विशुद्धीकरण समय से करें। वृक्षारोपण जो पौधे मर गए हों, उनके स्थान पर गैप फिलिंग करें। आपदा प्रबंधन सर्पदंश, वज्रपात, या अन्य आपदाओं से मृत्यु की स्थिति में सरकार द्वारा रु. 4.00 लाख की सहायता दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए जिलाधिकारी कार्यालय से संपर्क करें।
कृषकों से अनुरोध है कि परामर्शों का पालन कर अपनी फसलों और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।