वैष्णो माता की आरती भारतीय भक्तों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ है। यह आरती देवी वैष्णो की महिमा का बखान करती है और भक्तों को उनके आशीर्वाद से संपन्न करने की प्रार्थना करती है। श्री वैष्णो देवी के दरबार में जाने का अनुभव भी एक अद्वितीय आध्यात्मिक यात्रा होता है, और इस यात्रा के दौरान इस आरती को गाना न केवल आस्था को प्रगाढ़ करता है, बल्कि आत्मिक शांति का अहसास भी दिलाता है। यह आरती माता की शक्तियों और उनके भक्तों के प्रति असीम प्रेम का प्रतीक है। आज भी हर घर में और हर मंदिर में यह आरती बड़े श्रद्धा भाव से गाई जाती है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वैष्णो माता आरती
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता…
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी…
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी ॥
॥ जय वैष्णवी माता॥
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे…
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे ॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे…
बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे…
ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे ॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा…
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे…
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे !!
!! जय वैष्णवी माता !!
इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे…
कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे ॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
वैष्णो माता की आरती न केवल एक भक्ति गीत है, बल्कि यह हमें जीवन की सच्चाई, समर्पण और ईश्वर के प्रति श्रद्धा का सन्देश भी देती है। जब हम इस आरती का पाठ करते हैं, तो हम अपने मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं और देवी की कृपा के पात्र बनते हैं। यह आरती हमें जीवन के हर मोड़ पर सही दिशा दिखाती है और हमें आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाती है। माता वैष्णो के आशीर्वाद से हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे, यही प्रार्थना है। जय माता दी!