

दिल्ली में इन दिनों मौसम की स्थिति बेहद खराब है, जहां ठंडी हवाओं के साथ प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण राजधानी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसके साथ ही, तापमान में गिरावट और घने कोहरे के कारण प्रदूषण की स्थिति भी चिंताजनक हो गई है। यह त्रासदी दिल्ली-एनसीआर के लिए एक ‘ट्रिपल अटैक’ बनकर उभरी है। दिल्लीवासियों को ठंड, कोहरे और प्रदूषण के एक साथ प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है, जो उनकी जीवनशैली को प्रभावित कर रहा है।

बर्फबारी और ठंडी हवाओं का असर
उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी का सीधा असर दिल्ली-एनसीआर पर पड़ रहा है। पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में प्रवेश कर रही हैं, जिससे दिल्ली में कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, इस समय राजधानी का तापमान गिरकर आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाएं और बर्फबारी के कारण दिन में तापमान का स्थिर रहना और रात में तेज ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
कोहरे का येलो अलर्ट: दो दिन और परेशानी बढ़ने की संभावना
मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए दो दिन के लिए घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अनुसार, आगामी दो दिन में दृश्यता कम रहने और हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना है। इस दौरान दिल्ली में अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान आठ डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। यह ठंड और कोहरे का मेल राजधानीवासियों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है, क्योंकि दिन भर धुंध और कोहरे के कारण बाहर निकलना और सांस लेना मुश्किल हो गया है।
प्रदूषण की स्थिति: एक्यूआई 400 के पार
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी बहुत अधिक बढ़ चुका है। गुरुवार सुबह, राजधानी के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 400 के पार पहुंच गया। विशेष रूप से, आनंद विहार में 441, अशोक विहार में 423, आया नगर में 354, बवाना में 408, बुराड़ी में 403, आईटीओ में 375, नेरेला में 370 और आरकेपुरम में 4116 एक्यूआई दर्ज किया गया। इन आंकड़ों से साफ है कि राजधानी की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच चुकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 429 के आसपास रहा, जो बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।
स्मॉग और प्रदूषण का प्रभाव: सांस लेना हुआ मुश्किल
ठंड और प्रदूषण के कारण दिल्ली में लोगों को सांस लेने में गंभीर समस्याएं हो रही हैं। स्मॉग के कारण सड़कों पर दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। खासकर, वजीरपुर, जहांगीरपुरी और आनंद विहार जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है। इन क्षेत्रों में लोगों को बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क लगाने की सख्त सलाह दी जा रही है। दिल्ली के अन्य प्रमुख क्षेत्रों जैसे डीटीयू, लोधी रोड और आईजीआई एयरपोर्ट में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही।
हवा की दिशा में बदलाव से प्रदूषण बढ़ा
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति का मुख्य कारण हवा की दिशा में बदलाव और धीमी गति से हवाएं चलना है। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के अनुसार, इस समय हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही है, जिसकी गति आठ किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन शाम होते-होते हवा की गति घटकर केवल चार किलोमीटर प्रति घंटा रह जाती है, जिससे प्रदूषक कण और सघन हो जाते हैं और दिल्ली में स्मॉग की मोटी चादर छा जाती है।
प्रदूषण से निपटने के लिए उपाय
दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) प्रदूषण की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही कुछ कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। प्रदूषण के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए, सरकार ने विभिन्न उपायों का सुझाव दिया है, जैसे कि वाहनों का कम चलना, निर्माण कार्यों पर रोक, और अधिक हरे-भरे इलाकों की योजना पर काम करना। इसके अलावा, कई इलाकों में स्कूलों को बंद करने और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है।