


सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम लहरतारा तालाब एवं स्मारक समिति द्वारा आज सद्गुरु कबीर साहेब का आज 626 वा प्राकट्य महोत्सव मनाया जा रहा है. आज ही के दिन सद्गुरु कबीर साहेब लहरतारा नामक तालाब में कमल पुष्प पर प्रकट हुए थे. गगन मंडल से उतरे सद्गुरु सत्य कबीर जलज मांही पौधन किये दो दिनन के पीर. आज इस अवसर पर सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम लहरतारा से सद्गुरु कबीर साहेब की जुलूस अवं शोभायात्रा निकाली गयी .


इस यात्रा में हजारों की संख्या में भक्तो एवं श्रधालुओं ने खूब हर्ष और उल्लास के साथ शामिल हुए. शोभायात्रा में सद्गुरु कबीर साहेब की प्रतिमा सबसे आगे उसके बाद सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम के मुख्य पंथ श्री हजूर अर्धनाम साहेब आचार्य कबीरपंथ , धर्माधिकारी सुधाकर साहेब शास्त्री जी , अन्य बाहर से आये संत महंत भक्त हंस श्रद्धालू शामिल हुए. रथ पर कबीर पंथ के मुख्य आचार्य साहेब जी सुधोभित थे. शोभायात्रा में बैंड , डी.जे. संगीत सद्गुरु कबीर साहेब के वाणी , भजनों , शब्दों को गाते हुए शोभायात्रा में सभी आनंदित एवं थिरकते हुए ख़ुशी से झूमते हुए भाव विभोर हो रहे थे मानो सद्गुरु कबीर साहेब आज स्वयं अवतरित होकर आगे आगे मार्ग दिखा रहे हैं. शोभयात्रा में बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली , हरयाणा , गुजरात आदि प्रदेशों से भक्त शामिल थे.सद्गुरु कबीर प्राकट्य महोत्सव का आज तीसरा और अंतिम दिन | आज ही के दिन सद्गुरु कबीर साहेब लहरतारा नामक तालाब में कमल पुष्प पर प्रगट हुए थे | पूरा परिसर सद्गुरु कबीर साहेब के साखी ,शब्दों ,भजनों , कीर्तनों से गुंजायमान था | आज का प्रमुख कार्यक्रम में कबीर साहेब के चित्र का जुलूस , शोभयात्रा, झांकी निकाली गयी | रथ पर पूज्यनीय आचार्य हजूर अर्धनाम साहेब विराजमान थे. बैंड बाजा , ढोल, खंजरी संगीत भजन कीर्तन आदि के साथ श्रद्धालु बहुत आनंदित और उल्लासित थे सबके अंदर एक नई ऊर्जा इस भीषण गर्मी में झलक रही थी | शोभायात्रा के दौरान स्थानीय सामाजिक संगठनों द्वारा हजूर साहेब का पुष्य माला और आरती उतारकर उनका दरशन लाभ लिया और पूरी यात्रा के दौरान जगह जगह पर पानी , शरबत, फल श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गयी | पंथ श्री हजूर साहेब ने अपने आखिरी सम्बोधन में भक्तो के लिए एक सदेश दिया की आज का दिन स्मरण का क्षण है जिसे हम सद्गुरु की पवित्र प्रगट भूमि का दर्शन कर रहे हैं | सद्गुरु की छाप हमारे जीवन हमेशा बनी रहे | कबीर साहेब कहते हैं की जो घर जारे अपना चले हमारे साथ ,ज्ञान-भक्ति की जलती हुई लकड़ी हाथ में लेकर अपना विषय वासनाओं का घर जला डाला। वही हमारे साथ चल सकता है | जा घर गुरु भक्ति नहीं संत नहीं मेहमान अर्थात जिस घर में संत का आगमन नहीं होता , सत्संग नहीं होता उस घर में यम का डेरा होता है | भक्त का मतलब सदाचारी होना चाहिए संत के घर आने से पवित्र और ऊर्जावान होता है | संत मनुष्य को सदाचार संयम का पाठ सिखाते हैं संत के आने जीवन का अंधकार मिट जाता है | घर में सकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है | साहेब के प्राकट्य महोत्सव पर सभी को ढेर सारी शुभकामना , सेवा ,भक्ति ,सदाचार सदा आपके जीवन में रहे इन्ही संकल्पों के साथ सबके लिए मांगल कामना | धर्माधिकारी साहेब ने कहा की कबीर साहेब लोगो को दुखी देखकर इस पृथ्वी पर चारों युगों में अलग अलग नाम से आये और मनुष्य को मुक्ति का मार्ग दिखलाया | कबीर साहेब मनुष्य मात्र मोक्ष के लिए ही संसार में आये | ने कहा की मन , वचन और कर्म तीनो से सेवा का भाव होना चाहिए कबीर मन निर्मल भय जैसे गंगा नीर , पाछे पाछे हरी फिर कहत कबीर कबीर | परमात्मा सब घट में है सब घाट मेरी साइंया सुनी सेज न कोय बलिहारी उस घट की जा घट प्रगट होय |
रात्रि में धनि धर्म दास साहेब परम्परा के अनुसार चौका आरती पूजा विधि विधान के साथ संपन्न हुई पूजा में श्रद्धालुओं ने पान , नारियल , पुष्प पंथ श्री हजूर साहेब को अर्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया | चौका आरती का विशेष पूजा पंथ श्री हजूर अर्धनाम साहेब के कर कमलों द्वारा किया गया और पूजा के पश्चात प्रसाद ग्रहण किये| भक्त श्री ललित जी मौर्या , कालूराम जी , हनुमत जी। सुरेश जी , भगवतसिंघ जी , सुधीर जी , सुरेंद्र जी , विनोद जी , मोती जी , महंत घनश्याम जी प्रबंधक केशव दास जी , रोहित दास जी अनेक आश्रम के सेवा समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे |