वाराणसी में देश के पहले हाइड्रोजन जलयान का संचालन किया जाएगा। यह जलयान मार्कंडेय महादेव कैथी से नमो घाट होते हुए चुनार तक चलेगा। आईडब्ल्यूएआई अधिकारियों की टीम इस जलमार्ग का परीक्षण करेगी। परीक्षण के बाद मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति निजी एजेंसी का चयन करेगी। जलयान का संचालन पीपीपी मॉडल पर पर्यटन विभाग की निगरानी में होगा।
रामनगर बंदरगाह पर खड़े हाइड्रोजन जलयान में लाइट और सजावट का काम बाकी है। वर्तमान में गंगा में अलकनंदा क्रूजलाइन कंपनी के चार क्रूज, अलकनंदा, विवेकानंद, भागीरथी और मानिक सॉ, संचालित हो रहे हैं। चर्चा है कि हाइड्रोजन जलयान का संचालन भी यही कंपनी करेगी। शिपयार्ड से चार सदस्यीय टीम परीक्षण के लिए आईडब्ल्यूएआई अधिकारियों के साथ चर्चा कर रही है। एजेंसी चयनित होने के बाद किराया और यात्रियों की क्षमता तय होगी।
हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बंदरगाह परिसर में प्लांट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सागरमाला के एमडी समेत अन्य अधिकारियों ने हाल ही में स्थल का निरीक्षण किया। अंतिम निर्णय पर्यटन विभाग, नगर निगम, वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड और आईडब्ल्यूएआई की समिति के फैसले के बाद ही होगा।