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राष्ट्रीय सम्मेलन सह कार्यशाला एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) का सफल समापन

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शिक्षा संकाय द्वारा आयोजित एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) कार्यान्वयन पर राष्ट्रीय सम्मेलन सह कार्यशाला का द्वितीय दिवस रचनात्मक विचार विमर्श के साथ समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एकीकृत बी.एड. कार्यक्रमों की गुणवत्ता के मानदंड निश्चित करने हेतू लक्षित था।

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कार्यक्रम के आयोजन में प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह, प्रोफेसर मधु कुशवाहा, डॉ. आलोक गार्डिया, डॉ. लालता प्रसाद और डॉ. सोमू सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भाग लिया तथा बीए बीएड, बीएससी बीएड, बीकॉम बीएड, एवं विशिष्ट बी एड इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों के लिए एकीकृत पाठ्यक्रम की रूपरेखा, क्रेडिट वितरण, पेपर संरचना और बहुशाखीय सहयोग की चुनौतियों पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त आकलन और मूल्यांकन, प्रमाणीकरण के नवाचारी रूप और ITEP कार्यक्रम में मुक्त प्रवेश-निकास बिंदुओं पर भी गहराई से चर्चा हुई।

इंटर्नशिप और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों, कार्यक्रम अवधि, कार्य विभाजन और ITEP संरचना में शिक्षण-आधारित अनुभवों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रिपोर्ट में प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम में प्रोफेसर अरबिंद कुमार झा (इग्नू), प्रोफेसर भारती शर्मा (जामिया मिलिया इस्लामिया), प्रोफेसर वी. पी. जोशिथ (केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय) और प्रोफेसर फिरदौस अहमद (जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय) शामिल थे।

शिक्षा संकाय की डीन प्रोफेसर अन्जलि बाजपेयी ने समापन भाषण में शिक्षक प्रशिक्षण में ITEP के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर रश्मि चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

कार्यशाला एनईपी 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप ITEP के प्रभावी कार्यान्वयन में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

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Aditya