
वाराणसी। सर्किट हाउस सभागार में उत्तर प्रदेश विधानमंडल की अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों से संबंधित संयुक्त समिति की एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में मण्डी परिषद तथा राजस्व से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक की अध्यक्षता समिति के माननीय सभापति पलटू राम ने की। सभी सदस्यों ने इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार प्रस्तुत किए तथा विभागीय अधिकारियों से विभिन्न बिंदुओं पर स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया।
बैठक के दौरान नवीन मंडी स्थल पहड़िया के अंतर्गत हुए स्वीकृत हुए विभिन्न कार्यों तथा उनके निर्माण के दौरान आयी शिकायतों के संबंध में डीडी मंडी द्वारा सभी जवाब समिति के समक्ष रखा गया। समिति ने डीडी मंडी को डेढ़ माह का समय देकर समुचित जवाब के साथ पुनः समिति के समक्ष उपस्थित होने को निर्देशित किया। समिति द्वारा नवीन मंडी स्थल पहड़िया में साफ-सफाई, ट्रैफिक की उचित व्यवस्था, फल तथा सब्जियों की ट्रकों को नो-एन्ट्री के दौरान छूट देने तथा सुरक्षा की बात रखी गयी जिसपर समिति ने एडीएम सिटी को व्यापरियों के साथ बैठकर वार्ता कर समाधान कराने हेतु निर्देशित किया।
समिति के समक्ष राजस्व से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर भी चर्चा हुई जिसके संबंध में एसडीएम सदर तथा लोकनिर्माण विभाग द्वारा जानकारी दी गयी तथा संबंधित विभिन्न बिंदुओं को देखकर समाधान हेतु कहा गया।
बैठक की शुरुआत में उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण पुलकित गर्ग द्वारा सभापति को पुष्प गुच्छ तथा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। बैठक के अंत में एडीएम सिटी आलोक वर्मा द्वारा समिति के समक्ष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि समिति की अनुशंसाओं को प्राथमिकता से क्रियान्वित किया जाएगा।
बैठक में समिति के मा सदस्य के रूप में विधायक डॉ रागिनी सोनकर, श्रीमती सरोज कुरील, मनोज पारस, बंबा लाल दिवाकर, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एडीएम सिटी आलोक वर्मा समेत संबंधित विभागों के अधिकारीगण तथा विभागीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी समिति का गठन-राज्य विधान मण्डल द्वारा किया जाता है जो कि संविधान, विधियों तथा नियमावलियों एवं विभिन्न शासनादेशों द्वारा उक्त जातियों के हेतु प्रदत्त सेवाओं में आरक्षण एवं अन्य सुविधाओं के कार्यान्वयन की प्रगति की जांच करता है। इन वर्गों की दशा को कम से कम समय में सुधारने के लिये तथा शासन द्वारा निर्धारित नीतियों के उद्देश्यों को पूर्ण कराने हेतु सुझाव देना एवं उपाय बताना है।