बीएचयू के एक रिटायर्ड प्रोफेसर, डॉ. उदय प्रताप शाही, से 42 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। यह ठगी तब हुई जब उन्होंने स्टॉक स्टडी ग्रुप में निवेश किया और पैसे निकालने के प्रयास में उनसे 15 लाख की अतिरिक्त डिमांड की गई। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस थाने में दर्ज कराई है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आईपीओ में निवेश की शुरुआत
चितईपुर थानाक्षेत्र के निवासी, डॉ. शाही, जो बीएचयू के रेडियोथेरेपी विभाग के पूर्व HOD हैं, ने बताया कि उन्होंने 13 अप्रैल को ‘मनिसुख स्टॉक स्टडी ग्रुप’ से जुड़कर निवेश की शुरुआत की। इस ग्रुप के मुख्य शिक्षक वीरेंद्र मनसुखानी और सहायक अदिति सिंह ने उन्हें 300 प्रतिशत तक लाभ का प्रलोभन दिया, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने आईपीओ में निवेश करना शुरू कर दिया।
जून में अकाउंट खुलवाया
जून के दूसरे सप्ताह में डॉ. शाही ने ‘मनिसुख मास्टर अकाउंट’ खुलवाकर निवेश शुरू किया और धीरे-धीरे 42 लाख 70 हजार रुपये तक का निवेश कर दिया। जब उन्होंने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो उन्हें मना कर दिया गया। कुछ दिनों बाद, जब उन्होंने दोबारा प्रयास किया, तो उन्हें कहा गया कि पैसा कुछ समय बाद निकलेगा।
ब्रोकरेज मनी की मांग
डॉ. शाही को बताया गया कि उनके अकाउंट में 2 करोड़ 98 लाख 19 हजार 674 रुपये हैं, और इसे निकालने के लिए उन्हें 14 लाख 90 हजार 983 रुपये ब्रोकरेज मनी के रूप में देने होंगे। उन्होंने कई बार अनुरोध किया, लेकिन उन्हें पैसे नहीं मिले, जिसके बाद उन्होंने मुकदमा दर्ज करवाया।
मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर 12 लाख की ठगी
एक अन्य मामले में, जालसाजों ने एक महिला से मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी की। पीड़िता, माधुरी, के अनुसार, उन्हें एक व्यक्ति, घनश्याम उपाध्याय, मिला जिसने खुद को मेडिकल कॉलेज का अधिकारी बताते हुए उनके बेटे के एडमिशन के नाम पर दो अकाउंट में 12 लाख रुपये जमा करवाए।
फर्जी दस्तावेज
एडमिशन और ट्यूशन फीस के नाम पर पैसे जमा करवाने के बाद, घनश्याम महिला को इधर-उधर दौड़ाता रहा। उसने महिला को कुछ मेडिकल कॉलेज के दस्तावेज भी दिखाए, जो बाद में फर्जी निकले। जब एडमिशन नहीं हुआ और महिला ने जानकारी चाही, तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया। इसके बाद महिला ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।