

पृथ्वी शॉ ने विजय हजारे ट्रॉफी की 16 सदस्यीय टीम में जगह नहीं मिलने पर सोशल मीडिया के जरिये अपनी नाराजगी जाहिर की। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने वाली मुंबई टीम का हिस्सा रहे पृथ्वी ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर लिखा,

“भगवान मुझे बताओ, मुझे और क्या देखना है? 65 पारियां, 55.7 की औसत और 126 के स्ट्राइक रेट से 3399 रन (विजय हजारे में) के बावजूद मैं काफी अच्छा नहीं हूं। लेकिन मैं आप पर अपना भरोसा बनाए रखूंगा।”
एमसीए ने दिया जवाब
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने पृथ्वी की सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें टीम से बाहर किए जाने की वजह उनका अनुशासनहीन रवैया और खराब फिटनेस है। एमसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मैदान पर उनकी हरकतों की वजह से टीम को मुश्किलें झेलनी पड़ीं।
“सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हमें 10 फील्डरों के साथ खेलना पड़ा क्योंकि पृथ्वी को छिपाना पड़ता था। उनकी फिटनेस इतनी खराब थी कि गेंद उनके पास से निकल जाती थी।”
रवैये और अनुशासन पर उठे सवाल
अधिकारियों के मुताबिक, पृथ्वी शॉ का रवैया और अनुशासन लगातार टीम के लिए समस्या बना। सीनियर खिलाड़ियों ने भी उनके रवैये की शिकायत की। बताया गया कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान पृथ्वी अक्सर अभ्यास सत्रों से नदारद रहते थे और पूरी रात बाहर रहने के बाद सुबह होटल लौटते थे।
क्रिकेट से ज्यादा बाहर की हरकतें चर्चा में
एमसीए ने यह भी कहा कि शॉ अपनी प्रतिभा का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। रणजी ट्रॉफी टीम से भी उन्हें इन्हीं कारणों से बाहर किया गया। अधिकारी ने कहा,
“इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट से उनका कुछ भला नहीं होगा।”
आईपीएल में भी छाया खराब प्रदर्शन
इस साल आईपीएल नीलामी में भी पृथ्वी अनसोल्ड रहे। उनका खराब फॉर्म सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी जारी रहा। दिल्ली कैपिटल्स के पूर्व टैलेंट स्काउट प्रवीण आमरे ने पृथ्वी की गिरावट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कम उम्र में बड़ी कमाई उनके करियर पर भारी पड़ी।
अनुशासन और समर्पण की कमी बनी बाधा
आमरे ने बताया कि उन्होंने पृथ्वी को विनोद कांबली का उदाहरण देते हुए समझाने की कोशिश की, लेकिन इसका असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा,
“23 साल की उम्र तक पृथ्वी ने 30-40 करोड़ रुपये कमा लिए होंगे। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी कमाई ध्यान भटकाने का कारण बन सकती है।”
आमरे ने इसे भारतीय क्रिकेट के लिए एक केस स्टडी बताया और कहा कि क्रिकेटरों को तीन ‘डी’ – अनुशासन, दृढ़ संकल्प और समर्पण – अपनाने की जरूरत है।
ग्लैमर और पैसे का दबाव
अधिकारियों के अनुसार, आईपीएल के ग्लैमर और पैसे का दबाव संभालने में पृथ्वी असफल रहे। उनके खराब फिटनेस और रवैये ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया।
इंग्लिश क्रिकेटर की सलाह
इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज केविन पीटरसन ने भी पृथ्वी शॉ को उनकी प्रतिभा के साथ न्याय करने की सलाह दी थी।
मुंबई टीम की नई सूची
मुंबई क्रिकेट टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी के लिए नई सूची जारी की। इसमें श्रेयस अय्यर को कप्तान बनाया गया है। टीम में अन्य प्रमुख खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे और शार्दुल ठाकुर शामिल हैं।
संभावित सबक
पृथ्वी शॉ का मामला दिखाता है कि क्रिकेट में केवल प्रतिभा से सफलता नहीं मिलती। अनुशासन, फिटनेस और सही दिशा में मेहनत उतने ही जरूरी हैं। यह घटना अन्य युवा क्रिकेटरों के लिए एक सीख है कि व्यक्तिगत जीवन और करियर में संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।