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काशी में 201 आंगनबाड़ी केन्द्रों का हुआ कायाकल्प, बने मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र
बच्चों की सुविधा के लिए स्मार्ट टीवी, टेबल, कुर्सी व चित्रयुक्त किताबें भी मौजूद
वाराणसी, 18 सितम्बर 2024 । बच्चों को उनके घर के नजदीक ही बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग निरंतर प्रयास कर रहा हैं। नन्हें मुन्नों की शुरूआती शिक्षा का जमीनी आधार मजबूत बनाने की दिशा में आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ किया जा रहा है। जनपद में सांसद आदर्श ग्राम नागेपुर (अराजीलाइन) में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र का कायाकल्प कर इसे वर्ष 2021 में काशी के पहले मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में तैयार किया गया था। यह मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र पूरे जिले के लिए एक अलग उदाहरण बना। तब से लेकर अब तक जनपद में 201 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र तैयार किए जा चुके हैं, जिसकी दीवारों पर बच्चों के पसंद की कलाकृतियां उकेरी गई हैं, जिससे बच्चों को गिनती, फल व जानवर का ज्ञान हो पाए।
आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह बताते हैं कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रयास और डेवेलपमेंट पार्टनर संस्थाओं के सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प किया जा रहा है। ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में तैयार किया जा रहा है। इन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को विकसित करने का उद्देश्य बच्चों को बेहतर माहौल प्रदान करना, उनकी स्कूली शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाना, और प्रारंभिक शिक्षा के माध्यम से उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।
डीपीओ ने बताया कि जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 3914 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिसमें से 201 केन्द्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में तैयार किया जा चुका है और 500 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल केंद्र बनाने का कार्य प्रगति पर है । दिसंबर 2024 तक जनपद में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 700 से ऊपर हो जाएगी। यह मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र ग्राम पंचायतों के फण्ड के साथ साथ सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के तहत तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें रिलायंस फ़ाउंडेशन, वेदांता फ़ाउंडेशन (नन्द घर), फीडिंग इंडिया (ज़ोमेटो) और युवा अन्स्टोपेबल (बीएमजीएफ़) के द्वारा सहयोग किया किया जा रहा है। इसमें रिलायंस की ओर से 100, वेदांता (नन्द घर) की ओर से 84, फीडिंग इंडिया की ओर से 100 और युवा अन्स्टोपेबल की ओर से 65 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाने का जिम्मा लिया है। इसके अतिरिक्त वेदांता द्वारा 500 और केंद्रों को मॉडल बनाने का कार्य प्रगति पर है जो दिसंबर 2024 तक पूर्ण हो जाएगा ।
खेल – खेल में मिल रही शिक्षा – डीपीओ ने बताया कि इन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुविधा और विकास के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इनमें स्मार्ट टीवी, खेलने के लिए प्ले स्कूल जैसी सुविधाएं शामिल हैं। केंद्र पर टेबल, कुर्सी, और चित्रयुक्त किताबें भी मौजूद हैं। साथ ही एलपीजी सिलेंडर, वाटर प्यूरी फायर, केंद्र के कमरे का विद्युतीकरण, शौचालय की भी व्यवस्था की गई है। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा मिले और वे अपने प्रारंभिक वर्षों में बेहतर तरीके से विकास कर सकें, इसके लिए विशेष ध्यान दिया जाता है। इस प्रयास से आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है।
पहले थे जर्जर, अब बने मॉडल – जनपद में अब तक कुल 201 मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों को तैयार किया जा चुका है। अराजीलाइन में 44, बड़ागांव में 9, चिरईगांव में 17, चोलापुर में 20, हरहुआ में 17, काशी विद्यापीठ में 39, पिंडरा में 20, आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में 33 एवं नगर क्षेत्र में 2 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र हैं।