RS Shivmurti

अब मूवी थिएटर में मिलने वाले पॉपकॉर्न पर लगेगा 5% GST, सरकार का दावा

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अब तक फिल्मी दुनिया में पॉपकॉर्न को एक महंगा और स्वादिष्ट स्नैक माना जाता था, लेकिन अब मूवी थिएटर में मिलने वाले पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लगाया जाएगा। यह निर्णय जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में लिया गया है, जिसमें पॉपकॉर्न पर जीएसटी की दर को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें स्पष्ट की गईं।

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इससे पहले, पॉपकॉर्न को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर कई सवाल उठ रहे थे, और अब जीएसटी परिषद ने इसे लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह फैसला विशेष रूप से उत्तर प्रदेश से आए एक अनुरोध के बाद लिया गया, जिसमें नमक और मसालों वाले पॉपकॉर्न पर लागू जीएसटी दर के बारे में सवाल उठाए गए थे। अब सरकार की ओर से कहा गया है कि 5% जीएसटी पॉपकॉर्न पर लागू होगा, चाहे वह नमक और मसालों वाला हो या बिना मसाले वाला।

पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी: क्या है इसका प्रभाव?

पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लागू होने से सिनेमा हॉल में फिल्म देखने के अनुभव में कुछ बदलाव आ सकते हैं, क्योंकि पॉपकॉर्न और अन्य स्नैक्स की कीमतों में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। पॉपकॉर्न को सिनेमा हॉल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, और फिल्म देखने का अनुभव तब और भी खास हो जाता है जब इसे खाने के लिए पॉपकॉर्न मिलते हैं। अब इस 5% जीएसटी के लागू होने से, जहां एक ओर सिनेमाघरों में पॉपकॉर्न की कीमतों में इजाफा हो सकता है, वहीं दूसरी ओर सरकार के लिए यह अतिरिक्त राजस्व का एक जरिया बनेगा।

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कई सिनेमा हॉल्स और मल्टीप्लेक्स को इस नई जीएसटी दर से कुछ चिंता हो सकती है, क्योंकि पॉपकॉर्न की बिक्री से उन्हें अच्छे खासे राजस्व की प्राप्ति होती है। हालांकि, सरकार का दावा है कि इस निर्णय से आम जनता पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि 5% की दर को सस्ती समझा जा सकता है और यह पॉपकॉर्न के मूल्य को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करेगा।

उत्तर प्रदेश से आया था अनुरोध

जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में यह मामला उत्तर प्रदेश से आया था, जहां नमक और मसाले वाले पॉपकॉर्न की जीएसटी दर को लेकर सवाल उठाए गए थे। पहले इसे लेकर कुछ असमंजस था कि क्या मसालेदार पॉपकॉर्न पर अलग जीएसटी दर लागू होगी या नहीं। इस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि पॉपकॉर्न पर एक समान 5% जीएसटी दर लागू होगी, चाहे वह मसालेदार हो या साधारण।

इस निर्णय से पॉपकॉर्न के विभिन्न प्रकारों पर जीएसटी की समान दर लागू होने का रास्ता साफ हो गया, जिससे सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्सों के लिए व्यापार की एकरूपता बनी रहेगी। इससे न केवल व्यापारियों को आसानी होगी, बल्कि ग्राहकों को भी किसी तरह की उलझन से बचने का मौका मिलेगा।

क्या होता है जीएसटी?

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) एक अप्रत्यक्ष कर है जो उत्पादों और सेवाओं पर लगता है। इसे जुलाई 2017 में भारत में लागू किया गया था और यह एक प्रकार से विभिन्न प्रकार के केंद्रीय और राज्य करों का सम्मिलन है। GST से पहले, भारत में उत्पादों पर कई प्रकार के कर होते थे, जैसे कि VAT (Value Added Tax), सेवा कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, और अन्य स्थानीय कर। जीएसटी ने इन सभी करों को एकल टैक्स में बदल दिया है, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को एक समान कर दर का पालन करना पड़ता है।

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पॉपकॉर्न पर जीएसटी की यह नई दर उन वस्तुओं में शामिल है, जिन पर अब से 5% का कर लागू होगा। यह दर जीएसटी की विभिन्न श्रेणियों में से एक है, जिसे व्यापारियों को अपने उत्पादों और सेवाओं पर लागू करना होगा। इससे सरकार को एक नई श्रेणी में कर मिलने की उम्मीद है, साथ ही पॉपकॉर्न जैसे सामान्य उत्पादों पर कर के रूप में अतिरिक्त आय होगी।

पॉपकॉर्न पर जीएसटी के प्रभाव

यह निर्णय पॉपकॉर्न को लेकर एक बड़ा बदलाव हो सकता है, क्योंकि यह पहले ही एक लोकप्रिय और उच्च-मार्जिन उत्पाद माना जाता है। सिनेमा हॉल्स में पॉपकॉर्न की बिक्री अक्सर फिल्म के टिकट से भी अधिक मुनाफा देती है। पॉपकॉर्न और अन्य स्नैक्स का मूल्य सिनेमा हॉल में आमतौर पर अधिक होता है, और अब इसमें 5% जीएसटी का जोड़ा जाना कुछ ग्राहकों के लिए एक अतिरिक्त लागत हो सकता है।

सिनेमा उद्योग पर असर

सिनेमा उद्योग में पॉपकॉर्न की बिक्री एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर मल्टीप्लेक्सों में। कई सिनेमा हॉल्स में पॉपकॉर्न और अन्य स्नैक्स के दाम आम तौर पर ज्यादा होते हैं, और इनसे अच्छी खासी आय होती है। पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी के लागू होने से, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स के कारोबार पर कुछ असर पड़ सकता है, लेकिन यह असर सीमित रहने की संभावना है।

हालांकि, इस निर्णय से सिनेमा हॉल्स के लिए एक समान जीएसटी दर का पालन करना आसान हो जाएगा, जिससे ग्राहकों को भ्रमित होने की संभावना नहीं रहेगी। इसके अलावा, पॉपकॉर्न जैसे सामान्य उत्पादों पर जीएसटी लागू होने से, यह निश्चित रूप से उन व्यापारियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, जिनकी प्राथमिकता व्यापार की पारदर्शिता और एकरूपता है।

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सरकार का दावा

सरकार ने यह दावा किया है कि पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लागू होने से सरकार को नई आय का स्रोत मिलेगा, जबकि यह उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ नहीं डालेगा। सरकार का कहना है कि यह जीएसटी दर सस्ती होगी और पॉपकॉर्न की कीमतों पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, यह भी देखा जाएगा कि सिनेमा हॉल्स इस फैसले को किस प्रकार लागू करते हैं और क्या पॉपकॉर्न की कीमतों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि होती है या नहीं।

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