डीडीयू नगर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार की रात एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने “जाको राखो साईया मार सके ना कोई” कहावत को सच साबित कर दिया। गंगा सतलज एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 1 पर खड़ी थी और जब सिग्नल हुआ तो ट्रेन धीरे-धीरे चलने लगी। इसी दौरान, एक महिला और एक लड़का दौड़कर ट्रेन पकड़ने के प्रयास में संतुलन खो बैठे और प्लेटफॉर्म पर गिर गए। यह स्थिति बेहद खतरनाक थी, क्योंकि दोनों यात्री ट्रेन के नीचे आ सकते थे।
ऐसे में जीआरपी के उप निरीक्षक मुन्नालाल और स्वतंत्र सिंह, जो उस वक्त ड्यूटी पर थे, ने त्वरित प्रतिक्रिया दिखाई। उन्होंने तुरंत दौड़कर उन यात्रियों को पटरी पर गिरने से बचा लिया। जीआरपी जवानों की इस सतर्कता और साहस की वजह से दोनों यात्रियों की जान बच गई। यह घटना न केवल उनके साहस का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे थोड़ी सी सतर्कता और सही समय पर कार्रवाई जीवन बचा सकती है।
बचाए गए यात्रियों ने अपनी जान बचाने के लिए जीआरपी जवानों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। उनके लिए ये जवान सचमुच देवदूत बनकर आए। इस साहसिक कार्य के लिए डीडीयू जीआरपी कोतवाली निरीक्षक सुरेश कुमार सिंह ने दोनों उप निरीक्षकों और उनकी टीम की तारीफ की। उन्होंने जीआरपी एसपी को इस साहसिक कार्य की रिपोर्ट भेजने और जवानों को सम्मानित करने की बात कही।
यह घटना न केवल जीआरपी की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे सही समय पर सही कदम उठाकर बड़ी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि मानवता और सहायता के लिए तत्पर रहना हमेशा महत्वपूर्ण होता है।
ब्यूरो चीफ गणपत राय की रिपोर्ट