नवग्रह आरती का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है। नवग्रह, जिन्हें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु के रूप में जाना जाता है, हमारे जीवन में ऊर्जा और प्रभाव डालते हैं। इन ग्रहों की शांति और कृपा पाने के लिए नवग्रह आरती की जाती है। यह आरती न केवल हमें आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। आरती के शब्द हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और मन को आनंदित करते हैं।
नवग्रह आरती
आरती श्री नवग्रहों की कीजै,
बाध, कष्ट, रोग, हर लीजै ।
सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर,
जाकी कृपा कबहुत नहिं छीजै ।
रुप चंद्र शीतलता लायें,
शांति स्नेह सरस रसु भीजै ।
मंगल हरे अमंगल सारा,
सौम्य सुधा रस अमृत पीजै ।
बुध सदा वैभव यश लाए,
सुख सम्पति लक्ष्मी पसीजै ।
विद्या बुद्धि ज्ञान गुरु से ले लो,
प्रगति सदा मानव पै रीझे ।
शुक्र तर्क विज्ञान बढावै,
देश धर्म सेवा यश लीजे ।
न्यायधीश शनि अति ज्यारे,
जप तप श्रद्धा शनि को दीजै ।
राहु मन का भरम हरावे,
साथ न कबहु कुकर्म न दीजै ।
स्वास्थ्य उत्तम केतु राखै,
पराधीनता मनहित खीजै ।
नवग्रह आरती के माध्यम से हम इन ग्रहों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को संतुलित और सुखमय बना सकते हैं। इस आरती का नियमित पाठ न केवल हमारी परेशानियों को दूर करता है, बल्कि आत्मिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव कराता है। नवग्रहों की आराधना से हमें यह समझने का अवसर मिलता है कि हमारे जीवन में ग्रहों का कितना गहरा प्रभाव है। इसलिए, श्रद्धा और विश्वास के साथ नवग्रह आरती का पाठ करें और अपने जीवन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।