केंद्रीय पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में वाराणसी को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए बैठक आहूत

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काशी केवल एक शहर नहीं है, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र है जो प्राचीन इतिहास, धार्मिक महत्व और कलात्मक परंपराओं को समेटे हुए है: केंद्रीय पर्यटन सचिव

बैठक का प्रमुख उद्देश्य वाराणसी को एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना, जिससे सांस्कृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित करते हुए स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल सके

स्थानीय व्यवसायों को समर्थन करने जिसमें हस्तशिल्प, बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौनों का प्रचार, स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों और गाइड्स को प्रशिक्षण तथा सुविधाओं को और बेहतर की बात हुई

काशी में योगा सेंटर, वेलनेस सेंटर, नेचुरोपैथी चिकित्सा, आयुर्वेद चिकित्सा को प्रमुखता से बढ़ावा देने को निर्देशित किया जिसमें उन्होंने सरकार के तरफ से अर्थिक मदद भी दी जायेगी: मुकेश मेश्राम

वाराणसी। भारत सरकार में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की सचिव सुश्री वी विद्यावती की अध्यक्षता में वाराणसी को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए आयुक्त सभागार में बैठक आयोजित हुई। बैठक का प्रमुख उद्देश्य वाराणसी को एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना, जिससे सांस्कृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित करते हुए स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल सके।

पर्यटन सचिव ने कहा कि काशी केवल एक शहर नहीं है, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र है जो प्राचीन इतिहास, धार्मिक महत्व और कलात्मक परंपराओं को समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि सुधार के दृष्टिगत काशी में अगले दो महीने में बदलाव दिखना चाहिये ताकि अंतरराष्ट्रीय तथा देशी पर्यटकों को अलग अनुभूति हो सके। उन्होंने इसकी शुरुआत बेसिक स्तर से करने की कही ताकि अगले दो महीने में उचित बदलाव दिखने लगे। शुरुआत में 16 से 20 प्रमुख स्थानों का चयन किया गया है जिसमें प्रमुख मंदिर, कनेक्टिविटी पॉइंट्स, घाट, सारनाथ आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जो भी बदलाव हो वो सतत होने के साथ दीर्घकालिक होगा।

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बैठक में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर चर्चा हुई जिसमें घाटों का सौंदर्यीकरण और सफाई, बेहतर सड़क, बिजली और जल आपूर्ति व्यवस्था, पर्यटन स्थलों तक सुगम पहुँच के लिए परिवहन सुविधाएँ (रिंग रोड, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, नाव सेवाएं)। वाराणसी के प्रसिद्ध घाटों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण करके, उन्हें और अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है। साथ ही, आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

स्थानीय व्यवसायों को समर्थन करने जिसमें हस्तशिल्प, बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौनों का प्रचार, स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों और गाइड्स को प्रशिक्षण तथा सुविधाओं को और बेहतर बनाने जिसमें पर्यटकों के लिए बेहतर आवास, परिवहन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर, उन्हें वाराणसी आने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। 

आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने क्योंकि वाराणसी एक महत्वपूर्ण धार्मिक शहर है, इसलिए आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां के प्रमुख मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों का विकास किया जा सकता है। 

वाराणसी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित होने वाले विभिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेले और त्योहारों को और प्रचारित करने की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों को पर्यटन से जुड़े व्यवसायों में शामिल करके, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से वाराणसी को बढ़ावा देकर, अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।

बैठक में शहर में फैले अनावश्यक होर्डिंग, पेंटिंग, फ्लेक्स तथा केबल तारों को व्यवस्थित करने हेतु विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम को लगातार अभियान चलाने को निर्देशित किया ताकि शहर को दिखने में सुन्दर बनाया जा सके। उचित जगहों पर साइनेज लगाने हेतु निर्देशित किया गया ताकि पर्यटकों को सही जानकारियां मिल सके। नगर आयुक्त द्वारा शहर को साफ-सुथरा और सुरक्षित रखने के लिए किये गये विभिन्न उपायों की जानकारियां दी गयीं।

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प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम द्वारा काशी में योगा सेंटर, वेलनेस सेंटर, नेचुरोपैथी चिकित्सा, आयुर्वेद चिकित्सा को प्रमुखता से बढ़ावा देने को निर्देशित किया जिसमें उन्होंने सरकार के तरफ से अर्थिक मदद देने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने काशी आने वाले पर्यटकों को बगल के जिले चंदौली के इको-पर्यटक स्थलों से जोड़ने, विंध्य क्षेत्र के पर्यटक स्थलों, माँ विन्ध्यवासिनी मंदिर, चुनार किला जो की भारत के सबसे पुराना किला है, सोनभद्र जिले के प्राचीन फ़ासिल पार्कों से भी जोड़ने के प्रयास करने को कहा ताकि पर्यटकों के काशी प्रवास को बढ़ावा जा सके।

इससे पहले बैठक की शुरुआत में मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने केंद्रीय पर्यटन सचिव को तथा जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम को बुके देकर स्वागत किया गया तथा मंडलायुक्त द्वारा बैठक के संबंध में प्रमुख जानकारियां सभी के समक्ष रखी गयी जिसमें काशी को ग्लोबल पर्यटन के दृष्टिगत विकास हेतु सभी सम्भव प्रयास की चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने घाटों की पौराणिकता को डिजिटल कन्टेन्ट ऑडियो फाइल में रिकार्ड करने को कहा ताकि नावों पर चढ़ने के दौरान पर्यटकों को पूरी जानकारी मिल सके। उन्होंने फूड आउटलेट के मानकीकृत करने की बात कही ताकि हाइजीन मेनटेन किया जा सके। उन्होंने कल्चरल संध्या क्रिएट करने की बात भी कही।

बैठक में होटल व्यवसायियों, पर्यटन संगठन सहित इससे संबंधित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक संपन्न हुई। बैठक में आए लोगों ने वाराणसी में नाईट मार्केट विकसित करने, सिटी बसो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने, स्थायी त्योहारों को बढ़ावा देने, गंगा घाटों पर वाशरूम की संख्या बढ़ाने, आरती के समय भीड़ को नियंत्रित करने, हैंडलूम बनने वालों स्थानों पर लोगों को भ्रमण कराने, सोनभद्र,मिर्जापुर और चंदौली के पुरातत्व स्थलों को चिह्नित कर एक ओपन म्यूजियम बनाने, अंतराष्ट्रीय स्तर का क्रूजिंग सेवा उपलब्ध कराए जाने, वाहन चालकों और टूरिस्ट गाइड को ट्रेनिंग देने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा होटल व्यवसायियों और टूरिस्ट गाइड संगठनों ने अपने विचार व्यक्त किए और महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

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बैठक में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता, डीएफओ वाराणसी स्वाति सिंह, सीईओ काशी विश्वनाथ मंदिर विश्वभूषण मिश्रा, सचिव विकास प्राधिकरण वेद प्रकाश मिश्र, लोकनिर्माण, स्मार्ट सिटी, संस्कृति, पुरातत्व विभाग समेत पर्यटन विभाग से जुड़े केंद्र तथा राज्य स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।