माता पार्वती, जिन्हें शिवशक्ति और अन्नपूर्णा के नाम से भी जाना जाता है, समर्पण, शक्ति और ममता का प्रतीक हैं। उनकी आरती गाने से न केवल भक्तों को आशीर्वाद मिलता है, बल्कि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। माता पार्वती की आरती उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और उनकी कृपा पाने का एक विशेष मार्ग है। यह आरती न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा देती है बल्कि हमारे मन और आत्मा को भी शुद्ध करती है।
माता पार्वती आरती
जय पार्वती माता जय पार्वती माता,
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥
जय पार्वती माता…
अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता॥
जय पार्वती माता…
सिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा,
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥
जय पार्वती माता…
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥
जय पार्वती माता…
शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥
जय पार्वती माता…
सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता॥
जय पार्वती माता…
देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥
जय पार्वती माता…
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता,
सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥
जय पार्वती माता…
माता पार्वती की आरती गाने से भक्तों को उनके दिव्य आशीर्वाद की अनुभूति होती है। यह हमें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देती है और हर परिस्थिति में विश्वास बनाए रखने का पाठ सिखाती है। तो आइए, अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ माता पार्वती की आरती गाकर उनके चरणों में अपना समर्पण व्यक्त करें और अपने जीवन को उनकी कृपा से आलोकित करें।