मारुति स्तोत्र इन हिंदी : शक्ति और सुरक्षा का दिव्य स्तोत्र

मारुती स्तोत्र
खबर को शेयर करे

हनुमान जी को समर्पित ‘मारुति स्तोत्र‘ एक ऐसा दिव्य स्तोत्र है जिसे पढ़ने से न केवल मानसिक बल प्राप्त होता है, बल्कि जीवन की सभी बाधाएँ स्वतः ही दूर हो जाती हैं। यह स्तोत्र संत रामदास स्वामी द्वारा रचित है, जो हनुमान जी के महान भक्तों में गिने जाते हैं। ‘मारुति स्तोत्र’ का पाठ करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। यह लेख आपको इस स्तोत्र के पाठ की विधि, लाभ और संपूर्ण लिरिक्स सहित संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

मारुती स्तोत्र


भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती,
वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ॥1॥

महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें,
सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ॥2॥

दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा,
पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ॥3॥

लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना,
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ॥4॥

ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें,
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ॥5॥

ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती,
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ॥6॥

पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं,
सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ॥7॥

ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू,
चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ॥8॥

कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे,
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ॥9॥

आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती,
नासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ॥10॥

अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे,
तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ॥11॥

ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके,
तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ॥12॥

आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा,
वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ॥13॥

धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही,
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ॥14॥

भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही,
नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ॥15॥

इसे भी पढ़े -  दिव्य-भव्य-डिजिटल महाकुम्भ की संकल्पना की सिद्धि में सहायक है यह उपहार: सीएम योगी

हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी,
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ॥16॥

रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण,
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ॥17॥

॥इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

मारुति स्तोत्र केवल एक स्तोत्र नहीं, बल्कि हनुमान जी का एक जीवंत आशीर्वाद है जो हमें आंतरिक शक्ति और सुरक्षा प्रदान करता है। जो भी श्रद्धा और विश्वास से इसका नित्य पाठ करता है, वह जीवन की सभी कठिनाइयों से उबर कर विजय की ओर अग्रसर होता है। आइए, हम भी इस चमत्कारी स्तोत्र को अपनाकर अपने जीवन में स्थिरता और दिव्यता का संचार करें। जय श्री राम! जय बजरंगबली!

मारुति स्तोत्र पाठ विधि

  • प्रातःकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  • लाल पुष्प और चोला अर्पित करें।
  • “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का 11 बार जप करें।
  • शांत मन से बैठकर ‘मारुति स्तोत्र’ का पाठ करें।
  • पाठ के अंत में हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ भी करें।
  • मंगलवार या शनिवार को नियमित रूप से पाठ करना विशेष फलदायी होता है।

मारुति स्तोत्र के लाभ

  1. भय से मुक्ति – यह स्तोत्र भय, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  2. शारीरिक बल की वृद्धि – इसे पढ़ने से शरीर में ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  3. शत्रु बाधा निवारण – शत्रु या अदृश्य बाधाओं से रक्षा करता है।
  4. मनोबल और स्थिरता – मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाता है।
  5. संकट से रक्षा – जीवन में आने वाली आकस्मिक विपत्तियों से रक्षा करता है।