वाराणसी। न्यायालय पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट ने वरूणा जोन लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र के मझमिटिया निवासी उदय प्रताप सिंह उर्फ गोलू को गुंडा एक्ट के आरोप से बरी कर दिया। कोर्ट माना अभियुक्त उदय प्रताप सिंह गोलू को अभ्यस्त अपराधी नही है। अभियुक्त की पैरवी अधिवक्ता वरूण प्रताप सिंह ने की। न्यायालय में उपस्थित होकर अभियुक्त ने अपनी सफाई प्रस्तुत किया कि प्रतिवादी एक छात्र है। जिसकी उम्र 25 वर्ष है। प्रतिवादी उक्त मुकदमे के अलावा कोई भी अपराधिक इतिहास नही है। प्रतिवादी पर जिस मुकदमे में गुंडा एक्ट की बात कही जा रही है वह उस मुकदमे में जमानत पर है।
प्रतिवादी के अधिवक्ता वरूण प्रताप सिंह ने कहा कि प्रतिवादी के विरुद्ध दर्ज अपराध की जो स्थिति है तथा उसके आधार पर प्रतिवादी उप्र गुंडा अधिनियम 1970 की धारा 3-(1) के खंड (क), (ख) एवं (ग) की परिधि में नही आता कि उसे कमिश्नरेट वाराणसी की सीमाओं से निष्कासित किये जाने का औचित्य बनता हो और प्रतिवादी का ऐसा कोई आपराधिक इतिहास भी नही है कि जिससे उसका अभ्यासित होना प्रदर्शित हो। इतना अवश्य है कि उसकी भविष्यगामी गतिविधियों एवं क्रियाकलापों पर अंकुश लगाया जाना अवश्यक है। वर्णित परिस्थितियों में इष्टकर एवं विधिक विकल्प यही होगा कि प्रतिवादी को कमिश्नरेट की सीमाओं में बने रहने दिया जाय तथा आवश्यक एवं कड़े निर्देशों के साथ उसे पुलिस की निगरानी में रखा जाये ताकि प्रतिवादी फिर किसी प्रकार के अपराध की ओर अग्रसर न हो सके।