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सावन के दूसरे सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़

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सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, विशेषकर भगवान शिव की आराधना के लिए। सावन के दूसरे सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। काशी, जो पहले ही अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, इस दिन शिवमय हो गई थी।

सवेरे से ही भक्तों की लंबी कतारें विश्वनाथ मंदिर के बाहर देखने को मिलीं। लोग अपने आराध्य शिव के दर्शन करने के लिए उमड़े। भक्तजन दूर-दूर से आए थे, कुछ पैदल यात्रा करते हुए, तो कुछ विशेष बसों और गाड़ियों से पहुंचे। मंदिर प्रांगण में भक्तों की उमंग और श्रद्धा देखते ही बनती थी। लोग बेलपत्र, दूध, धतूरा और गंगाजल चढ़ाकर भगवान शिव को प्रसन्न करने में लगे थे।

पूरी काशी इस दिन शिवमय हो गई थी। मंदिर के आसपास के इलाकों में भी विशेष साज-सज्जा की गई थी। शहर के हर कोने में भगवान शिव के भजन और आरती की ध्वनि गूंज रही थी। घाटों पर विशेष पूजा-अर्चना और गंगा आरती का आयोजन किया गया था, जिसमें भक्तों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। काशी के प्रमुख घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई, जो गंगा स्नान के बाद भगवान शिव के दर्शन के लिए आए थे।

इस भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती मंदिर के हर कोने पर की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष बैरिकेडिंग की गई थी और प्रवेश तथा निकास के लिए अलग-अलग रास्तों की व्यवस्था की गई थी। प्रशासनिक अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे थे और भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रख रहे थे।

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कुल मिलाकर, सावन के दूसरे सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ और शहर का शिवमय माहौल देखने को मिला। इस दिन की भव्यता और भक्तों की श्रद्धा ने यह सिद्ध कर दिया कि काशी वास्तव में भगवान शिव की नगरी है।

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Aditya