

श्रीकृष्ण का नाम लेना स्वयं मोक्ष का द्वार खोलने जैसा है। “Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare” यह महामंत्र केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का सीधा माध्यम है। इस लेख में हम इस पावन महामंत्र के लिरिक्स के साथ इसकी विधि, लाभ और आध्यात्मिक महत्ता को सरल और सहज भाषा में समझेंगे।

Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Lyrics
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे…
रूह को मेरी सुकून सा है आया।
जबसे है नाम तेरा लबों पे है आया,
भूल गया इस माया रुपी दुनिया को
धन्य हुआ जो तेरी शरण में आया।।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे…
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे…
झूठन खाके तेरी तुझको रिझाऊ,
मन मंदिर में हरि तुमको सजाऊ।
जग से परे है नाता मेरा तुम्हारा,
जिसको पुकारूं आए नाम तिहारा।
भवसागर से उद्धार करो तुम,
मेरी नैया पार करो तुम।।
जितने भी विकार हैं मुझमें,
उन सबका संघार करो तुम।
भक्ति की मेरी कोई सीमा नहीं है,
सब कुछ है तेरा मेरा कुछ भी नहीं है।
प्रेम का अब आह्वान करो तुम,
प्रेम का अब आह्वान करो तुम।
तेरे दर पे आके सांवर,
मैं तेरा हो गया सांवरे।
थी जितनी भी मेरी मुश्किलें,
उनका हल हो गया सांवरे।
श्याम रूप मन बसे बिराजे,
मोर-मुकुट पीताम्बर साजे।।
कृष्ण- कृष्ण तेरा नाम जपु मैं,
तन भक्ति में झूमे नाचे।
माखन- चोर तूही गिरधारी,
प्रेम श्रोत के तुम अवतारी।।
बिन राधा के लगते आधे।
श्याम पुकारे राधे राधे,
मन मेरा बोले राधे राधे,
दिल मेरा बोले राधे राधे।।
हरि बोल…
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे…
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे…
“Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare” महामंत्र केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि वह दिव्य ध्वनि है जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ती है। जो भी श्रद्धा, नियम और विश्वास के साथ इसका जाप करता है, उसे न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि आध्यात्मिक आनंद की भी अनुभूति होती है। यदि आप भी इस अलौकिक प्रेम में डूबना चाहते हैं, तो आज से ही इस मंत्र का जाप आरंभ करें।
विधि
- प्रतिदिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
- पूर्व दिशा की ओर मुख करके शांत वातावरण में बैठें।
- हाथ में तुलसी की माला लें (108 दाने)।
- हर दाने पर एक बार महामंत्र का उच्चारण करें।
- कम से कम एक माला प्रतिदिन करें।
- जप करते समय मन को एकाग्र करें और श्रीकृष्ण का ध्यान करें।
- जप समाप्ति के बाद दोनों हाथ जोड़कर प्रभु को प्रणाम करें।
लाभ
- मानसिक शांति – यह मंत्र तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्ति दिलाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – साधक को श्रीकृष्ण की भक्ति में स्थिरता और प्रगति मिलती है।
- पापों से मुक्ति – नामजप से पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट होते हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा – जीवन में उत्साह, आनंद और सकारात्मकता आती है।
- भवसागर से मुक्ति – यह महामंत्र मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।