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काशी में गंगा का उफान: हर घंटे 3 सेमी बढ़ रहा जलस्तर

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न्यूज़ डेस्क-सोनाली पटवा. वाराणसी में पिछले दो दिनों के अंदर गंगा नदी का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ता हुआ दर्ज किया गया है, जिससे लोग डर और चिंतित हैं। गंगा के इस बढ़ते जलस्तर ने घाटों की सीढ़ियों को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है, जिससे मंदिर और आसपास के तटीय इलाके भी डूब चुके हैं।

जलस्तर में इस तेजी से वृद्धि के कारण स्थानीय और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की स्थिति बन गई है। लोग डर और तनाव में हैं, और पर्यटकों में भी निराशा है क्योंकि गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण एक घाट से दूसरे घाट तक पैदल जाने का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। नौका संचालन बंद होने से पर्यटक मायूस होकर लौट रहे हैं।

गंगा का उफान वाराणसी के निवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए चिंता का कारण बन गया है। जलस्तर बढ़ने से लोगों के सुरक्षित स्थानों पर भागने की नौबत आ गई है। धार्मिक नगरी वाराणसी में गंगा का इस प्रकार का उफान हर किसी को चौंका रहा है और लोगों में डर पैदा कर रहा है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें सक्रिय हो गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं।

गंगा के इस जलस्तर में वृद्धि ने स्थानीय जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं। इसके अलावा, धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी प्रभावित हो रही हैं। गंगा के इस उफान से वाराणसी के धार्मिक महत्व और पर्यटन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

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सरकार और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। गंगा के इस बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्रकृति के सामने इंसान कितना बेबस है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को गंगा के किनारे जाने से मना कर दिया है और पर्यटकों को भी घाटों से दूर रहने की सलाह दी है। यह समय वाराणसी के लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण है, और सभी को मिलकर इस संकट का सामना करना होगा।

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