सर्दियों में कई लोग जुकाम, खांसी, एसिडिटी, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रहते हैं। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आयुर्वेद में सोंठ (सूखी अदरक) का विशेष स्थान है। भारतीय रसोई में यह मसाले के रूप में बेहद उपयोगी है, लेकिन इसके औषधीय गुण इसे और भी खास बनाते हैं। आइए जानते हैं सोंठ के अनमोल लाभ और इसे अपनी दिनचर्या में कैसे शामिल किया जा सकता है।
सोंठ: एक अद्भुत औषधि
सोंठ की तासीर गर्म होती है और यह आयुर्वेद में एक प्रभावी औषधि मानी जाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी बताते हैं कि सोंठ में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर को अंदर से स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। सोंठ का सेवन न केवल मसाले के रूप में बल्कि एक औषधि के रूप में भी किया जाता है, खासकर सर्दियों में।
जुकाम और खांसी से राहतजुकाम और खांसी से राहत
सर्दियों में जुकाम और खांसी की समस्याएं सामान्य हैं, और इनसे राहत पाने के लिए सोंठ का सेवन बेहद प्रभावी होता है। गर्म पानी या दूध में सोंठ मिलाकर पीने से गले की खराश और नाक बंद होने की समस्या में आराम मिलता है। इसके गर्म गुण न सिर्फ खांसी से राहत दिलाते हैं, बल्कि शरीर को गर्म भी रखते हैं।
एसिडिटी और अपच में राहत
एसिडिटी और अपच की समस्या से परेशान लोग अक्सर पाचन तंत्र के कमजोर होने का शिकार हो जाते हैं। सोंठ इस समस्या में मददगार साबित होती है। डॉ. तिवारी के अनुसार, सोंठ पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करती है और गैस की समस्या को भी कम करती है। भोजन के बाद सोंठ वाली चाय पीने से पेट की समस्याओं में आराम मिलता है।
हड्डियों और जोड़ों के दर्द में आराम
सर्दियों में हड्डियों और जोड़ों के दर्द की समस्या अधिक बढ़ जाती है। सोंठ वाला दूध कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी को पूरा करता है और दर्द से राहत प्रदान करता है। इसे नियमित रूप से पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं और जोड़ों के दर्द में कमी आती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
सोंठ में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। सर्दियों में सोंठ को दूध में मिलाकर पीने से ठंडजनित बीमारियों से बचाव होता है। इसके अलावा, आप इसे हर्बल चाय में भी डालकर सेवन कर सकते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है।
सोंठ का वैश्विक महत्व
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार, सोंठ का निर्यात अमेरिका और यूरोप के देशों में तेजी से बढ़ रहा है। यह न केवल भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है, बल्कि आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में भी इसका बड़ा योगदान है। सोंठ की औषधीय विशेषताएं इसे एक विश्वस्तरीय उत्पाद बना रही हैं।
सोंठ का सेवन करने के तरीके
सुबह खाली पेट सोंठ वाली चाय पिएं: यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और दिन की शुरुआत में ऊर्जा प्रदान करता है।
दूध में सोंठ और शहद मिलाकर सेवन करें: यह शरीर को गर्म रखता है और सर्दियों में इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
जुकाम में सोंठ, हल्दी और शहद का मिश्रण असरकारी है: यह गले की खराश और नाक की समस्या को दूर करने में मदद करता है।