आशापुर चौराहे पर धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसमें नागेश्वर मिश्र, संजय सिन्हा, रानी चौबे, शिवा उपाध्याय, मुन्ना मिश्रा, दिलीप पाण्डेय सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
धरने में बोलते हुए नागेश्वर मिश्र ने भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ का उल्लेख किया और कहा कि सारनाथ से दुनिया को शांति का संदेश दिया गया था, जो आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि यह भगवान की महिमा है कि जिस दिन सारनाथ से शांति की कामना की गई थी, उसी दिन पूरे दुनिया में बांग्लादेश में हिंसा के विरोध में प्रदर्शन हुए।
धरने के इस दूसरे दिन, मौजूद लोगों ने शांति और अहिंसा के महत्व पर जोर दिया और दुनिया भर में हो रही हिंसा की निंदा की। धरने पर मौजूद सभी लोगों ने एकजुट होकर शांति और सद्भावना के संदेश को आगे बढ़ाने की शपथ ली।