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इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों का चेहल्लुम मनाया गया: शहर में निकला अमारी, दुलदुल, अलम और ताज़िए का जुलूस, जियारत के लिए उमड़े लोग

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वाराणसी। इमाम हसन, इमाम हुसैन समेत कर्बला के शहीदों का चेहल्लुम सोमवार को अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया। इस मौके पर अर्दली बाजार में अंजुमन इमामिया के संयोजन में चेहल्लुम के जुलूस का आगाज़ मौलाना गुलज़ार मौलाई की तकरीर से हुआ। इसके बाद मजलिस में अलम, ताबूत, दुलदुल और हज़रत अली असगर का झूला उठाया गया। अमारी की जियारत करते हुए अकीदतमंदों ने नम आंखों से कर्बला के शहीदों को याद किया।

जुलूस अपने कदीमी रास्तों से गुजरते हुए उल्फत बीबी कम्पाउंड, सब्जी मंडी, डिठोरी महाल होते हुए पुनः उल्फत बीबी कम्पाउंड में आकर समाप्त हुआ। मौलाना बाकर रजा बलियावी की निजामत में निकले इस जुलूस में ज़फर अब्बास रिज़वी, हाजी एसएम जाफर, दिलकश रिज़वी, फसाहत हुसैन बाबू, इरशाद हुसैन, हसन मेंहदी कब्बन, सुजात हुसैन, रियासत हुसैन, विक्की जाफरी, रोमान हुसैन, राहिल नक़वी, सबील हैदर, गुलरेज़ टाइगर, अलमदार हुसैन, अमन मेहदी, ताबिर, नज़फ हैपी और अन्य लोग शामिल थे और व्यवस्था संभाल रहे थे।

जुलूस के दौरान, मौलाना ने तकरीर में कहा कि हुसैन किसी एक मज़हब का नाम नहीं है, बल्कि हुसैन पूरी कायनात के लिए आए और उन्होंने दिखा दिया कि इंसानियत और हक के लिए जान की भी परवाह नहीं करनी चाहिए। जुलूस के साथ-साथ शहर की मशहूर अंजुमनें जैसे अंजुमन अंसारे हुसैनी, अंजुमन जादे आखिरत, अंजुमन सदाये अब्बास, अंजुमन हुसैनिया और अन्य अंजुमनें नौहाख्वानी और मातम करते हुए चल रही थीं।

उधर, वक्फ मस्जिद और इमामबाड़ा मौलाना मीर इमाम अली व मेहदी बेगम गोविन्दपुरा कला, छत्तातला से भी चेहल्लुम का जुलूस मुतवल्ली सै. मुनाजिर हुसैनी मंजू के जेरे इन्तेजाम उठा। जुलूस से पहले मौलाना ने मजलिस में कर्बला का वाक्या पेश किया। शबीहे जुलजनाह भी जुलूस में शामिल हुआ, और अंजुमन हैदरी चौक ने नौहाख्वानी और मातम किया। जुलूस नई सड़क, काली महल, पितरकुण्डा होते हुए लल्लापुरा स्थित फातमान पहुंचकर समाप्त हुआ।

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