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बनारस कोठी पर चला बुलडोजर

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मो० जाफर अली खाँ पुत्र स्व० मो० नूर खाँ व अन्य सम्बन्धित, भूखण्ड संख्या-18, 19 एवं 20 पर बनारस कोठी, बुद्ध विहार कालोनी, वार्ड-सिकरौल, वाराणसी के सम्बन्ध में

होटल बनारस कोठी

  1. मो० जाफर अली पुत्र मो० जाफर अली द्वारा बनारस कोठी के प्लाट संख्या-20 बुद्ध बिहार कालोनी पर जी+2 तलो का आवासीय प्रस्तावित मानचित्र 142.88 वर्ग मीटर पर दिनांक 02.03.2012 को स्वीकृत कराया गया है।
  2. निर्माणकर्ता द्वारा प्लाट नं0-20 पर स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अवैध निर्माण कराये जाने पर उ०प्र० नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 के सुसंगत धाराओं में दिनांक 06.02.2015 को नोटिस जारी किया गया एवं सुनवायी का अवसर दिया गया।
  3. निर्माणकर्ता द्वारा अनधिकृत निर्माण जारी रखने पर दिनांक 13.02.2015 को निर्माण सील किया गया। निर्माणकर्ता द्वारा प्लाट संख्या 20 के अतिरिक्त प्लाट सं0- 18 एवं 19 को भी मिलाते हुए स्वीकृत मानचित्र से अधिक क्षेत्रफल पर सेटबैक कवर करते हुए वरूणा नदी के किनारे नियत ग्रीन बेल्ट में बढ़कर बी+जी+5 तल का होटल/व्यावसायिक अवैध निर्माण किया गया, जिसके विरूद्ध उ०प्र० नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा-27 के अन्तर्गत नियमानुसार दिनांक 02.02.2016 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया।
  4. निर्माणकर्ता द्वारा पारित ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 02.02.2016 के विरूद्ध मा० आयुक्त न्यायालय में अपील संख्या-सी 2016140000312 सन् 2016 योजित किया गया, जिसे मा० आयुक्त न्यायालय द्वारा बलहीन होने के कारण दिनांक 26.12.2016 निरस्त कर दिया गया।
  5. तत्पश्चात निर्माणकर्ता द्वारा उ०प्र० शासन में वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा पारित ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 02.02.2016 एवं भा० आयुक्त न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 26.12.2016 के विरूद्ध पुनरीक्षणवाद योजित किया गया, जिसे शासन द्वारा दिनांक 11.12.2018 को निरस्त कर दिया गया।
  6. वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा पारित ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 02.02.2016 व मा० आयुक्त न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 26.12.2016 एवं शासन द्वारा पारित आदेश दिनांक 11.12.2018 के विरूद्ध निर्माणकर्ता द्वारा मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या- 9148/2019 योजित की गयी, जिसके अनुक्रम में मा० उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 14.03.2019 को आदेश पारित किया गया।
  7. उल्लेखनीय है कि मा० उच्च न्यायालय द्वारा याचिका सं०- 9148/2019 में पारित आदेश दिनांक 14.03.2019 में याची के प्रत्यावेदन दिनांक 29.03.2017 को 6 सप्ताह में निर्णित करने का निर्देश दिया गया था, जिसके अनुक्रम में शासन द्वारा जनपद वाराणसी में अन्नपूर्णा भवन निर्माण सहकारी समिति लि० की बुद्ध विहार कालोनी स्थित भूखण्ड सं0- 18, 19, 20 तथा भूखण्ड सं0- 21, 21ए-1, 22, 23, 24 का भू-उपयोग “आवासीय” से “व्यावसायिक” किये जाने के सम्बन्ध याची का प्रत्यावेदन दिनांक 29.03.2019 को निरस्त कर निस्तारित किया जा चुका है।
  8. अवैध निर्माणकर्ता के विरूद्ध वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक 21.07.2024 को थाना कैण्ट-वाराणसी में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। अनधिकृत भवन में होटल संचालन / व्यावसायिक गतिविधि बंद कराने के संदर्भ में विद्युत कनेक्शन, पानी कनेक्शन कटवाने हेतु वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा सम्बन्धित को पत्र प्रेषित किया गया है। इसी क्रम में होटल का पंजीकरण निरस्त करने हेतु ए०डी०एम० प्रोटोकाल को पत्र भेजा गया है। निर्माणकर्ता को अवैध निर्मित होटल में कोई अन्य बुकिंग न करने एवं अविलम्ब अनधिकृत निर्मित परिसर को अध्यासन मुक्त करने हेतु नोटिस/सूचना दिनांक 24.07.2024 को प्राप्त करायी गयी है ।
    होटल संचालक द्वारा होटल में ठहरे पर्यटकों को उकसा कर व उन्हें आगे करके प्रवर्तन की कार्यवाही का विरोध किया जाता है एवं विकास प्राधिकरण, वाराणसी द्वारा निर्माणकर्ता के विरूद्ध पेट्रोल छिड़ककर आगजनी कर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने एवं कानून एवं शांति व्यवस्था के उल्लंघन करने पर एफ़.आई.आर. वर्ष 2018 में दर्ज करायी गयी थी। पुनः दिनांक-21.07.2024 को कैण्ट थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी। अवैध रूप से संचालित आपके इन दोनों होटलों के विद्युत व पानी के कनेक्शन को काटने की कार्यवाही दिनांक को संबन्धित विभागों द्वारा दिनांक 19.07.2024 को की गयी है। होटल रिवर पैलेस को बुकिंग या रुकने की व्यवस्था न करने हेतु वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा नोटिस संख्या एस 94/14 (नो.)/वि.प्रा./भवन/2024-25 दिनांक 24.07.2024 व 26.07.2024 को दिया गया है। होटल बनारस कोठी के निर्मांकर्ताओं एवं संचालकों द्वारा इन अवैध निर्माणों से वर्षों से अवैध कमाई की जा रही थी।
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उक्त दोनों अनाधिकृत होटल भवनों में प्लाटों को अनधिकृत रूप से जोड़कर बिना व्यावसायिक मानचित्र / होटल मानचित्र वाराणसी विकास प्राधिकरण से स्वीकृत कराये निर्माण किया गया था जो वाराणसी महायोजना-2031 के नियत भू-प्रयोग के विरुद्ध अनधिकृत रूप से निर्माण करने एवं वरूणा नदी के ग्रीन बेल्ट से भी प्रभावित होने के कारण किसी भी रूप में शमनीय नहीं है। इसके अतिरिक्त वीडीए, प्रशासन एवं अन्य समस्त विभागों द्वारा होटल संचालकों को विगत 01 सप्ताह से नोटिस एवं पत्रों के माध्यम से संचालन बंद करने हेतु कहा जा रहा था जिसका संचलंकर्ताओं द्वारा पालन नहीं किया गया।

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