भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुप्रतीक्षित बॉक्सिंग डे टेस्ट गुरुवार से मेलबर्न में शुरू हो रहा है। इस चौथे मैच में दोनों टीमों के लिए फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को मजबूत करने का सुनहरा मौका है।
ऑस्ट्रेलिया ने किया प्लेइंग-11 का ऐलान
ऑस्ट्रेलिया ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले के लिए अपनी प्लेइंग-11 में दो बदलाव किए हैं। हालांकि, भारतीय टीम ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि भारतीय टीम में बदलाव की संभावना कम है।
करो या मरो की स्थिति में टीम इंडिया
आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (2023-25) के फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को यह मुकाबला किसी भी हाल में जीतना होगा। मेलबर्न में जीत दर्ज करना भारतीय टीम के लिए अनिवार्य हो गया है, क्योंकि पर्थ में जीतने के बाद एडिलेड में टीम को हार का सामना करना पड़ा, और ब्रिस्बेन टेस्ट ड्रॉ रहा।
6 मिलीमीटर घास वाली पिच और तेज गेंदबाजों का दबदबा
मेलबर्न की पिच पर 6 मिलीमीटर की घास मौजूद है, जो तेज गेंदबाजों को मदद करेगी। ऐसे में टीम इंडिया 3 तेज गेंदबाजों और एक पेस ऑलराउंडर के साथ उतर सकती है। रविंद्र जडेजा बतौर स्पिन ऑलराउंडर प्लेइंग-11 में शामिल रहेंगे।
ऑलराउंडर में हो सकता है बदलाव
नीतीश रेड्डी पेस ऑलराउंडर के रूप में खेल सकते हैं, लेकिन अगर स्पिन को मदद मिली, तो उनकी जगह वाशिंगटन सुंदर या तनुष कोटियान को मौका दिया जा सकता है। तनुष ने विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई को जीत दिलाने के बाद टीम में जगह बनाई है।
बल्लेबाजी में सुधार की चुनौती
टीम इंडिया के बल्लेबाजों का प्रदर्शन अब तक मिलाजुला रहा है। केएल राहुल को छोड़कर अन्य बल्लेबाज प्रभावी नहीं दिखे हैं। हालांकि, रविंद्र जडेजा ने पिछले मैच में अर्धशतक लगाकर कुछ राहत दी थी।
संभावित भारतीय प्लेइंग-11
रोहित शर्मा (कप्तान)
यशस्वी जायसवाल
शुभमन गिल
विराट कोहली
केएल राहुल
ऋषभ पंत (विकेटकीपर)
रविंद्र जडेजा
वाशिंगटन सुंदर/नीतीश रेड्डी
आकाश दीप
मोहम्मद सिराज
जसप्रीत बुमराह
ऑस्ट्रेलिया के लिए भी दबाव
ऑस्ट्रेलिया के लिए यह मुकाबला भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। 2024 का यह आखिरी टेस्ट मैच टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पिच और परिस्थितियां दोनों टीमों के लिए चुनौती पेश करेंगी। मेलबर्न के बॉक्सिंग डे टेस्ट में दोनों टीमों के लिए करो या मरो की स्थिति है। जहां भारत को चैंपियनशिप की दौड़ में बने रहने के लिए जीत चाहिए, वहीं ऑस्ट्रेलिया भी जीत के साथ साल का समापन करना चाहेगा। तेज गेंदबाजों और ऑलराउंडर्स की भूमिका अहम होगी, जबकि बल्लेबाजी में सुधार भारतीय टीम की प्राथमिकता होगी।