हाथरस घटना के बाद बटुकों ने किया शांति पाठ

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हाथरस की घटना के बाद, वाराणसी के अस्सी घाट स्थित डुमराव बाग में शंकराचार्य स्वामी नरेंद्र नाथ सरस्वती के आश्रम में शांति पाठ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बटुकों ने मिलकर शांति की प्रार्थना की और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

शंकराचार्य स्वामी नरेंद्र नाथ सरस्वती ने इस अवसर पर कहा कि हाथरस की घटना अत्यंत दुखद और निंदनीय है। उन्होंने मांग की कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए ताकि वे इस कठिन समय में कुछ राहत पा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें जेल में डाला जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस घटना में घायल लोगों का उचित से उचित इलाज कराया जाए ताकि वे जल्दी स्वस्थ हो सकें।

आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और सभी ने हाथरस की घटना की निंदा की। इस अवसर पर शंकराचार्य ने समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी घटनाओं से सबक लेना चाहिए और समाज में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।

शांति पाठ के दौरान बटुकों ने वेद मंत्रों का उच्चारण किया और वातावरण को शांति और सद्भाव से भर दिया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और समाज में प्रेम और भाईचारा बनाए रखने की प्रतिज्ञा ली।

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आयोजन के समापन पर सभी ने एकसुर में प्रार्थना की और शांति के प्रतीक के रूप में दीप प्रज्वलित किए। यह आयोजन न केवल हाथरस की घटना के प्रति संवेदना व्यक्त करने का था, बल्कि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के संदेश को भी फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।