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पलट प्रवाह में बहे इंतजाम, त्राहिमाम

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सड़कें व गलिया पैक, घंटों एक ही स्थान के होकर रह गए वाहन सवार

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रेलवे व बस स्टेशन पर उमड़ी बेचैन भीड़, चेहरे पर घर लौटने की बेताबी

वाराणसी- महाकुंभ के दौरान काशी में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ ने शहर की सड़कों, गलियों और गंगा घाटों पर जाम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। इस दौरान प्रशासन की ओर से किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए गंगा घाट से लेकर गोदौलिया तक लंबी कतारों में खड़े दिख रहे हैं। घाटों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव, जैसे शौचालयों की कमी और पानी की समस्या, श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन रही है।
नगर में गुरुवार को यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। शहर में प्रवेश कर रहे वाहनों को रोक दिया गया है। लक्सा, रथयात्रा, कमच्छा, बेनियाबाग, कबीरचौरा, बाबा काल भैरव, कैंट ओवरब्रिज, पटेल चौराहा, राजा दरवाजा, मलदहिया, नदेसर, बीएलडब्ल्यू रोड, महमूरगंज, रामनगर आदि इलाके के प्रमुख मार्ग हि नहीं, बल्कि गलियां भी जाम हो गई। प्रशासनिक व्यवस्था धारी की चारी रह गई। वाहन सवार कई घंटे तक एक ही स्थान के होकर रह गए। रेलवे व बस स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की बेचैन भीड़ उमड़ पड़ी है। सभी के चेहरे पर घर लौटने की बेताबी नजर आ रही है। प्रमुख गंगा घाटों, खासकर अस्सी घाट पर शौचालय की व्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। अस्सी घाट पर बने शौचालय में प्रतिदिन 20 से 30 हजार श्रद्धालु आते हैं, जिससे वहां लंबी लाइनों का सामना करना पड़ता है। घाट किनारे स्थित चेंजिंग रूम को शौचालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सफाई कर्मचारियों को अतिरिक्त परेशानी हो रही है। दिल्ली से आए श्रद्धालु अनूप ने बताया कि वह तीन दिन से घाट पर टेंट लगाकर सो रहे हैं, लेकिन एकमात्र शौचालय भीड़ के चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना, पड़ा।
नदेसर कचहरी मार्ग पर लगी वाहनों की कतार

पार्किंग व यातायात में अव्यवस्था
महाकुंभ के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए काशी पहुंच रहे हैं, जिसके कारण पार्किंग और यातायात व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। गोदौलिया चौक से लेकर घाटों तक यातायात का दबाव बढ़ने के कारण प्रशासन ने कई मागों को डायवर्ट कर दिया है। पुलिस और प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद लोगों को भारी परेशानी हो रही है। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु कतारों में खड़े होकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
गोदौलिया-दशाश्वमेध मार्ग पर हिलोरे लेता श्रद्धालुओं का समुद्र

राजूदुआ

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डायवर्जन प्वाइंट्स व सुरक्षा इंतजाम

इस कठिन स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने शहर के विभिन्न हिस्सों में डायवर्जन प्वाइंट्स बनाए हैं और 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि काशी में मौनी अमावस्या के दौरान 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यातायात और सुरक्षा व्यवस्था के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं, जिनमें रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं को होल्डिंग एरिया में रोकने के इंतजाम भी शामिल हैं।

शहर में बढ़ी हुई भीड़ का असर

शहर के प्रमुख घाटों पर भीड़ की स्थिति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। माघ माह में मंगलवार तक 63 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन किए, और सोमवार को ही 11 लाख श्रद्धालु बाबा के धाम पहुंचे। भोर में मंगला आरती के समय भी भीड़ को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया।

महंगी होटलों की बुकिंग व अतिरिक्त कीमतों की समस्या

वाराणसी में 30 जनवरी तक सभी होटलों की बुकिंग हाउसफुल हो गई है। गेस्ट हाउसों में कमरों की कीमतें आम दिनों से 3 से 4 गुना बढ़कर 3000 से 4000 रुपए तक हो गई हैं। गंगा घाटों के पास बने होटलों में सबसे ज्यादा डिमांड देखी जा रही है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही है, बल्कि होटल मालिकों और रिसेप्शन कर्मचारियों के बीच रूम टैरिफ को लेकर विवाद भी देखने को मिल रहा है।

वाराणसी में ढाई लाख यात्री फंसे, 21 ट्रेनें निरस्त
में भारी वाराणसी (काशीवार्ता)। महाकुंभ के पलट प्रवाह के चलते वाराणसी में ढाई लाख से अधिक यात्री फंस गए हैं। ट्रेनों में जगह नहीं मिलने के कारण ढाई लाख से अधिक लोगों को यात्रा टल गई है। दिल्ली, आगरा वन्देभारत समेत 21 ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं। ट्रेनों के कैंसिल होने के कारण 25 हजार से अधिक दिल्ली, कानपुर, आगरा समेत अन्य शहरों में यात्री फंस गए। मौनी अमावस्या पर पूर्वांचल में उमड़ी भीड़ सड़कों पर उतरी तो हाईवे जाम हो गए। उधर बॉर्डर सील होने और हाईवे पर लगे जाम के चलते एक लाख से अधिक लोग रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन समय से नहीं पहुंच पाए। जिससे उनकी गाड़ियां छूट गई। गुरुवार को भी कैंट समेत विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं। प्रयागराज में महाकुंभ में हुए हादसे के बाद कई मेला स्पेशल ट्रेनों को रोक दिया गया। 29 जनवरी को ये ट्रेनें वाराणसी रेलवे स्टेशन नहीं पहुंची जिससे हजारों लोग गंतव्य को रवाना नहीं हो पाए। पहले बनारस से चलने वाली 12559 बनारस-नई दिल्ली एक्सप्रेस निरस्त हुई। उसके बाद बलिया-नई दिल्ली एक्सप्रेस, गोरखपुर-कानपुर अनवरगंज एक्सप्रेस, 05004 गोरखपुर-झूसी कुम्भ विशेष, 05183 गोरखपुर-झूसी कुम्भ विशेष, 05179 गोरखपुर-डूंसी कुम्भ विशेष, 05187 गोरखपुर-झूसी कुम्भ विशेष, 05193 गोरखपुर-झूसी कुम्भ विशेष, गोरखपुर-प्रयागराज रामबाग कुम्भ विशेष गाड़ी निरस्त होने के कारण हजारों की यात्रा छूट गई। वाराणसी में देर रात तक 60 से अधिक ट्रेनें प्रयागराज वाराणसी होते हुए गंतव्य को रवाना हुई।

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