
वाराणासी जिले के आराजी लाइन विकास खंड क्षेत्र के शाहंशाहपुर गांव में शनिवार को किसानक्राफ्ट ने किसानों के लिए सूखे सीधी बुआई धान (डी डी एस आर) प्रौद्योगिकी प्रदर्शन आयोजित किया गया।जिसमें किसानों को सूखे खेत में धान की सीधी बुवाई की विधि एवं फायदों के बारे में प्रशिक्षित किया गया।ईरी के वैज्ञानिक डॉ विपिन कुमार ने बताया कि सूखे सीधे बीज वाले धान का लाभ यह है कि यह धान की खेती के लिए आवश्यक पानी की तुलना में 30% कम पानी का उपयोग करता है और उर्वरक, कीटनाशकों, श्रम लागत और ग्रीनहाउस गैस (मीथेन) उत्सर्जन की मात्रा को कम करता है। एक किलोग्राम पारंपरिक धान के उत्पादन के लिए 5,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जबकि सूखे प्रत्यक्ष बीज वाले धान के लिए 2,000-2,500 लीटर के बीच की आवश्यकता होती है। यह फसल कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी उगाई जा सकती है।सूखा प्रत्यक्ष बीजित धान सूखे खेतों में सूखा प्रत्यक्ष बीजारोपण है। खेतों में पोखर डालने की जरूरत नहीं है | फसल चक्रण संभव है। दालों, सब्जियों और तिलहनों के साथ सहफसलन भी संभव है।इससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है।कार्यक्रम में किसान क्राफ्ट के असिस्टेंट मैनेजर आलोक जैन, शिवाकान्त सिंह अग्रोनामिस्ट किसान क्राफ्ट लि,सेल्स मैनेजर हंसराज यादव, डा सौजन्या ने उपस्थित किसानों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
