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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 46वां दीक्षान्त समारोह

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बुद्ध के समय से काशी शिक्षा का केंद्र रही है: मुख्य अतिथि

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शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं: मुख्य अतिथि

103 वर्ष पुरानी संस्था में उपस्थित होना गौरवांवित करने वाला: कुलाधिपति

छात्राएं तेज गति से आगे बढ़ रही हैं, आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में भी छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादे है: माननीय कुलाधिपति

प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिये: माननीय राज्यपाल

अगले पांच वर्षों में देश के एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने को मौका दिया जायेगा: कुलाधिपति

शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ दिया गया है जिसका सभी को फायदा लेना चाहिये: माननीय राज्यपाल

काशी आदिकाल से शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, विवेक, संस्कृतिक चेतना, मानवता की भूमि रही है: उच्च शिक्षा मंत्री

ज्ञान ही शक्ति है इसी के आधार पर आप राष्ट्र के उन्नति में अपना योगदान दें तथा आप अपने अंदर विनीत भाव लाते हुए प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत के विकसित होने के लक्ष्य को प्राप्त करें: उच्च शिक्षा राज्यमंत्री

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित 46वें दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा की गयी जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पावर ग्रिड कार्पोरेशन के सीएमडी आर के त्यागी तथा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा योगेन्द्र उपाध्याय तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी उपस्थित रहीं।

दीक्षांत समारोह की शुुरुआत में शैक्षिक शिष्ट यात्रा प्रारंभ हुई तत्पश्चात राष्ट्रगान के उपरांत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राष्ट्र रत्न शिव प्रसाद गुप्त एवं भारत रत्न आचार्य भगवान दास जी के चित्रों पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण के उपरांत समारोह की शुरुआत हुई। छात्राओं द्वारा मंगलाचरण तथा कुलगीत प्रस्तुत किया गया।

माननीय कुलाधिपति महोदया ने समारोह में अध्यक्षीय भाषण देते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 103 वर्ष पुरानी संस्था में उपस्थित होना गौरवांवित करने वाला है। उन्होंने सभी पदक तथा उपाधि प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा की छात्राओं द्वारा लगातार आगे बढ़ने हेतु प्रयास किया जा रहा है तथा वर्तमान में हम देख रहे हैं कि शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राएं तेज गति से आगे बढ़ रही हैं। आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में भी छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादे है। उन्होंने बताया की इस वर्ष शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ दिया गया है जिसका सभी को फायदा लेना चाहिये। अगले पांच वर्षों में भारत के एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने को मौका दिया जायेगा जिससे उनको उचित जगह कार्य करने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि कौशल विकास हेतु मिलने वाले 7.5 लाख के ऋण का उचित लाभ आप सभी लें। उन्होंने डिग्री प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों से आगे व्यवहारिक जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने हेतु तैयार रहते हुए सभी सम्भव प्रयास करने को कहा। उन्होंने आने वाले वर्षों में होने वाले बदलाव हेतु विद्यार्थियों को तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिये। ऊर्जा की बचत हेतु उन्होंने बिजली, पानी बचत के हेतु लगातार प्रयास करने को भी कहा। उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश के 33 विश्वविद्यालय को समर्थ पोर्टल से जोड़ते हुए 200 करोड़ की बचत की गयी है। उन्होंने सभी से विश्वविद्यालय में तैयार संगीत केंद्र का सभी को फायदा लेने हेतु कहा। उन्होंने कहा कि माँ के गर्भ में पल रहे शिशु को भी संगीतमय वातावरण देना चाहिये। उन्होंने कहा की बच्चे के पालन में माँ का बड़ा योगदान होता है, माताओं द्वारा बच्चों को लगातार उचित संस्कार देने, सही गलत की पहचान करने का ज्ञान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास किया जा रहा है की सभी प्रसव अस्पतालों में हो जबकि अभी वर्तमान में 85 प्रतिशत प्रसव अस्पतालों में हो रहा। अस्पताल में प्रसव से हम नवजात शिशु की उचित देखभाल उचित समय पर सकेंगे ताकि वो स्वस्थ्य व सशक्त बनें। उन्होंने सोनभद्र की आँगनवाड़ी के उत्थान हेतु आज वितरित की गयी किट के सार्थक प्रयास करने हेतु विद्यापीठ के अध्यापकों तथा छात्रों को प्रयास करने तथा उक्त के संबंध में अपनी रिपोर्ट तैयार करने को प्रेरित किया गया। उन्होंने ग्रीन आर्मी द्वारा नशामुक्ति हेतु मिर्जापुर, सोनभद्र, वाराणसी तथा आस-पास के जिलों में किये जा रहे प्रयासों की उचित प्रसंशा की। उनके द्वारा बिना किसी पैसे के समाज सेवा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने फ्लोराइड युक्त पानी से बचाव हेतु सभी प्रयास करने को कहा। उन्होंने विद्यापीठ के अध्यापकों से 7 से 9 अक्तूबर को होने वाले नैक टीम के दौरे के दौरान पूरी तैयारी करने को कहा ताकि विश्वविद्यालय उच्च ग्रेड प्राप्त कर सके।अंत में उन्होंने सभी से संकल्प के साथ आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की।

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मुख्य अतिथि द्वारा समारोह में बोलते हुए सभी उपाधि तथा पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा गया कि बुद्ध के समय से काशी शिक्षा का केंद्र रही है। उन्होंने कहा कि सालों के त्याग तथा परिश्रम के बाद आप इन ऊँचाइयों पर पहुंचें हैं की आपने पदक प्राप्त किया। उन्होंने कहा की राष्ट्र उत्थान में आप सभी अपना योगदान दें। उन्होंने विद्यापीठ को स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान आंदोलन का केंद्र बताते हुए भारतीय समाज में विश्वविद्यालय के योगदान की बात कही। उन्होंने 2047 तक भारत के विकसित होने के लक्ष्यों में शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि केवल शिक्षा डिग्री प्राप्त करना नहीं बल्कि अपनी जड़ों को मजबूत करना ही असली शिक्षा का उद्देश्य है। उन्होंने नेल्सन मंडेला के प्रसिद्ध कोट शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं को उल्लिखित किया। उन्होंने पावर ग्रिड के द्वारा राष्ट्र उत्थान में किये जा रहे प्रयासों को भी उल्लेखित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा जो रास्ता आप भविष्य में चुनें आप उसपर मजबूती से काम करें, केवल धन प्राप्त करना सफल होना नहीं है बल्कि आप समाज को क्या योगदान देते हैं तथा जो आपको स्वतः संतुष्टि दे वही असली शिक्षा है। उन्होंने ईमानदारी, नैतिकता तथा आचार-विचार को सफ़लता की कुंजी बताते हुए सभी से इसपर आगे बढ़ने को कहा।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए सभी को इन ऊँचाइयों तक पहुंचाने में उनके माता-पिता तथा गुरूजनों के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि काशी आदिकाल से शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, विवेक, संस्कृतिक चेतना, मानवता की भूमि रही है ऐसी काशी को उन्होंने प्रणाम करते हुए यहां लगातार हो रहे विकास पर सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने तेरा वैभव अमर रहे माँ को उल्लेखित करते हुए बुद्धजीवियों को झकझोरते हुए राष्ट्र भावना के प्रति लोगों को सोचने को कहा। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में चाणक्य के प्रयासों को आत्मसात करने हेतु सभी शिक्षकों को सोचने को कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा वही है जो राष्ट्र के निर्माण को प्रेरित हो तभी हम विश्व गुरु बन सकते हैं। उन्होंने प्रधानमन्त्री के प्रयासों से विश्व में भारत की बनी उच्च छवि को अपने पेरिस यात्रा के दौरान मिले अनुभवों से बताया। आज भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने राज्यपाल के विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने हेतु किये जा प्रयासों को सराहते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बन चुका है तथा सर्वाधिक नैक ग्रेड प्राप्तकर्ता विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं।

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माननीय उच्च शिक्षा राज्यमंत्री द्वारा समारोह में बोलते हुए सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी। उन्होंने विद्यार्थियों को बिना घबराये अपने लक्ष्य के प्रति बिना किसी नकारात्मक भावना के चुनौतियों से लड़ते हुए आगे बढ़ने को कहा। ज्ञान ही शक्ति है इसी के आधार पर आप राष्ट्र के उन्नति में अपना योगदान दें तथा आप अपने अंदर विनीत भाव लाते हुए प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत के विकसित होने के लक्ष्य को प्राप्त करें। उन्होंने माननीय राज्यपाल के द्वारा लगातार विश्वविद्यालयों तथा आंगनबाड़ी उत्थान हेतु लगातार किये जा रहे प्रयासों को सभी के लिए प्रेरणा बताया। बाबा विश्वनाथ जी के आशीर्वाद के साथ आप अपने लक्ष्य पर अग्रेषित हों यही कामना है।

माननीय राज्यपाल द्वारा कार्यक्रम में सोनभद्र जिले की 10 विशिष्ट आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया गया जिसमें जिलाधिकारी सोनभद्र बद्रीनाथ सिंह तथा मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी भी उपस्थित रहीं। रेखा देवी को सर्वोत्कृष्ट आँगनवाड़ी कार्यकत्री को पुरस्कृत किया गया। होप वेल्फेयर ट्रस्ट द्वारा गावों को नशा मुक्त कराने हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा जिसमें उनके द्वारा तैयार ग्रीन आर्मी से जुड़ी उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं तथा बच्चियों को साड़ी तथा पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा सोनभद्र की विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों को 100 किट भी प्रदान की गयी।

समारोह की शुरुआत में कुलपति प्रो. आनंद त्यागी द्वारा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को कुलाधिपति के समक्ष रखते हुए माननीय कुलाधिपति के प्रति विश्वविद्यालय को लगातार समय देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

दीक्षान्त समारोह में अतिथियों द्वारा आज 25 सितंबर जो की पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती भी है के अवसर पर महात्मा गांधी, पं. दीनदयाल और डॉ. आंबेडकर के विचारों पर आधारित एक ‘स्मारिका’ तथा “गांधी, अंबेडकर और दीनयाल” पुस्तक का विमोचन किया गया।

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आज आयोजित दीक्षान्त समारोह में गोल्ड मेडल पाने वाले 18 छात्रों में सात स्नातक, नौ स्नातकोत्तर और दो उत्कृष्ट खिलाड़ी भी शामिल हैं। आयोजित 46वें दीक्षांत समारोह में कुल 97,252 डिग्रियां और उपाधियां वितरित हुईं जिनको कुलाधिपति द्वारा बटन दबाकर डिजिलाकर पर अपलोड किया गया। समारोह में स्नातक स्तर पर कुल 78,196 डिग्रियां प्रदान की जाएंगी जिसमें 41,474 छात्र और 36,722 छात्राएं हैं। स्नातकोत्तर स्तर पर कुल 19056 डिग्रियां अवार्ड हुईं इनमें 13,479 छात्र और 5577 छात्राएं शामिल हैं। 53 छात्रों और 45 छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी।

माननीय कुलाधिपति द्वारा कुल 18 स्वर्ण पदक वितरित किया गया जिनमें अंकिता (बीकॉम), सुनील सिंह यादव (बीएड), सोर्मेंद्र आर्य (बीम्यूज), आयुषी मिश्रा (बीएएलएलबी), अंजली श्रीवास्तव (बीबीए), दीक्षा मिश्रा (बीसीए), प्रीति खन्ना (बीए मासकॉम) तथा स्नातकोत्तर स्तर पर आकाश प्रताप सिंह (एमए गांधी विचार), प्रज्ञा सिंह (एमए संपोषी ग्रामीण विकास), रामजन्म स्मृति स्वर्ण पदक कुसुम पटेल (एमए इतिहास), माहेश्वरी स्वर्ण पदक विदुषी वर्मा (एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार), विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक सौम्या राय (एमएसडब्ल्यू), प्रखर गुप्ता (एमए सांख्यिकी), कविश्वर देव पांडेय (एमएससी कृषि एक्सटेंशन), प्रगति सिंह (एमएससी कृषि मृदा विज्ञान), प्रिया सिंह (एमएससी कृषि एग्रोनॉमी) तथा उत्कृष्ट खिलाड़ी सौरभ कुमार यादव, अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय किक बॉक्सिंग व आकांक्षा वर्मा, अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय कराटे को दिया गया।

माननीय कुलाधिपति द्वारा काशी विद्यापीठ के गोंद लिये गये विद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले ऋषभ, अंजनी, विनायक, सायमा, आराध्या, अमृता पांडेय, अवंतिका, सुमित पाल, कविता, कुमकुम, मोहम्मद इरफान समेत कुल 36 विद्यालयों के विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया तथा विभिन्न प्राथमिक तथा कंपोजिट विद्यालयों के प्रधानाध्यापक तथा अध्यापकों को 100 किताबें वितरित की गयीं। सोनभद्र में संचालित विभिन्न कंपनियों जिनमें एनसीएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंडाल्को को सीएसआर के तहत कराये गये कार्यों हेतु सम्मानित किया।

समारोह में विधायक टी राम, कुलसचिव डॉ संगीता पांडेय समेत सामाजिक विज्ञान संकाय, मानविकी विज्ञान, प्रबंध संकाय, शिक्षा संकाय, विधि संकाय, कृषि संकाय, हिन्दी पत्रकारिता संस्थान के संकाय प्रमुख उपस्थित रहे।

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